- अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा: मुख्य मूर्ति के अलावा दो अन्य प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी
- मुख्य प्रतिमा शालिग्राम पत्थर से बनी है
- शालिग्राम पत्थर को भगवान विष्णु का विग्रह माना जाता है
- चांदी की प्रतिमा भी स्थापित होगी
- चांदी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में घुमाया गया
- तीसरी प्रतिमा अस्थाई मंदिर में स्थापित है
- भक्तों को तीन रूपों में मिलेंगे दर्शन
- अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा: शालिग्राम पत्थर से बनी मुख्य प्रतिमा की विशेषताएं
- प्रतिमा के निचले हिस्से में कमल का आसन
- प्रतिमा के पैरों की तरफ हनुमान जी और गरुड़ जी
- प्रतिमा में भगवान विष्णु के अवतार
- प्रतिमा के ऊपर सूर्य देव
- प्रतिमा में स्वास्तिक, ओम, शंख, चक्र और गधा के चिन्ह
- प्रतिमा में भगवान राम (Ram) के बाल और अंग वस्त्र
- प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्री राम (Ram) के दाहिने हाथ में तीर और धनुष
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा: मुख्य मूर्ति के अलावा दो अन्य प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होने वाली है। इस दिन भगवान राम (Ram) की मुख्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त उन्हें दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य मूर्ति के अलावा दो अन्य प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी। ये तीनों प्रतिमाएं अलग-अलग प्रकार की हैं और भगवान राम (Ram) के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं।
मुख्य प्रतिमा शालिग्राम पत्थर से बनी है
मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली मुख्य प्रतिमा शालिग्राम पत्थर से बनी है। यह काले रंग की प्रतिमा है और भगवान राम (Ram) को 5 वर्षीय बालक के रूप में दर्शाती है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 4 फुट 6 इंच है और चौड़ाई 3 फुट है। इसका वजन लगभग 150 किलोग्राम है।
शालिग्राम पत्थर को भगवान विष्णु का विग्रह माना जाता है
शालिग्राम पत्थर को भगवान विष्णु का विग्रह यानी अंश स्वरूप माना जाता है। यह पत्थर आमतौर पर नेपाल में गंडक नदी में पाए जाते हैं। नेपाल के साल ग्राम गांव के नाम पर ही इन पत्थरों को शालिग्राम कहा जाता है।
चांदी की प्रतिमा भी स्थापित होगी
मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य प्रतिमा के अलावा एक चांदी की प्रतिमा भी स्थापित होगी। यह प्रतिमा भी 5 वर्षीय बालक के रूप में भगवान राम (Ram) को दर्शाती है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 4 फुट 6 इंच है और चौड़ाई 3 फुट है। इसका वजन लगभग 100 किलोग्राम है।
चांदी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में घुमाया गया
प्राण प्रतिष्ठा में स्थापित होने वाली मूर्ति को मंदिर परिसर में घुमाया जाना था। लेकिन शालिग्राम पत्थर से बनी मूर्ति का वजन ज्यादा होने की वजह से 100 किलोग्राम की चांदी की प्रतिमा का भ्रमण करवाया गया। इस मूर्ति को पालकी में रखकर मंदिर परिसर में घुमाया गया।
तीसरी प्रतिमा अस्थाई मंदिर में स्थापित है
मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित होने वाली तीसरी प्रतिमा अस्थाई मंदिर में स्थापित है। यह प्रतिमा 10 वर्षीय बालक के रूप में भगवान राम (Ram) को दर्शाती है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 5 फुट है और चौड़ाई 3 फुट है। इसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है।
भक्तों को तीन रूपों में मिलेंगे दर्शन
इस तरह, अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त भगवान राम (Ram) के तीन रूपों में दर्शन कर सकेंगे। ये रूप हैं:
- 5 वर्षीय बालक रूप (शालिग्राम पत्थर से बनी मुख्य प्रतिमा)
- 5 वर्षीय बालक रूप (चांदी की प्रतिमा)
- 10 वर्षीय बालक रूप (अस्थाई मंदिर में स्थापित प्रतिमा)
इन तीन रूपों में भगवान श्री राम (Ram) अपने भक्तों को दर्शन देने वाले हैं।
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा: शालिग्राम पत्थर से बनी मुख्य प्रतिमा की विशेषताएं
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होने वाली है। इस दिन भगवान राम (Ram) की मुख्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त उन्हें दर्शन कर सकेंगे। मुख्य प्रतिमा शालिग्राम पत्थर से बनी है और भगवान राम (Ram) को 5 वर्षीय बालक के रूप में दर्शाती है। इस प्रतिमा की कई विशेषताएं हैं, जिनका उल्लेख इस लेख में किया गया है।
प्रतिमा के निचले हिस्से में कमल का आसन
प्रतिमा के निचले हिस्से में कमल का आसन बना हुआ है, जिस पर भगवान राम (Ram) खड़े हैं। यह आसन भगवान राम (Ram) के पवित्र और दिव्य स्वरूप का प्रतीक है।
प्रतिमा के पैरों की तरफ हनुमान जी और गरुड़ जी
प्रतिमा के पैरों की तरफ दाहिनी ओर भगवान राम (Ram) के भक्त हनुमान जी को दिखाया गया है। वे भगवान राम (Ram) के अनन्य भक्त हैं और उन्हें राम (Ram)भक्त के रूप में जाना जाता है। प्रतिमा के पैरों की तरफ बाईं ओर भगवान राम (Ram) के भाई और श्री विष्णु के वाहन गरुड़ जी को दिखाया गया है। वे भगवान राम (Ram) के रक्षक हैं और उन्हें भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है।
प्रतिमा में भगवान विष्णु के अवतार
प्रतिमा में भगवान विष्णु के अवतारों को भी दिखाया गया है। भगवान राम (Ram) भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। इस तरह से अगर हम सतयुग से लेकर कलयुग तक भगवान विष्णु के अवतारों का क्रम देखें तो इन सभी का चित्रण इसमें किया गया है। प्रतिमा में भगवान राम (Ram) के दाहिने हाथ की ओर भगवान विष्णु के मत्स्य, कूर्म, और वाराह अवतार देखे जाते हैं। वही भगवान राम (Ram) के बाएं हाथ की ओर परशुराम (ParashuRam), राम (Ram), कृष्ण, बुद्ध और कलयुग के अवतार का स्वरूप दिखाया गया है।
प्रतिमा के ऊपर सूर्य देव
प्रतिमा के ऊपर सूर्य देव को दिखाया गया है। यहां हम आपको बताना चाहते हैं कि भगवान राम (Ram) सूर्यवंशी थे, इस वजह से उनके सिर की तरफ सूर्य देव को दिखाया गया है।
प्रतिमा में स्वास्तिक, ओम, शंख, चक्र और गधा के चिन्ह
प्रतिमा में स्वास्तिक, ओम, शंख, चक्र और गधा के चिन्ह भी दिखाए गए हैं। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक चक्र और गधा भगवान विष्णु के हाथों में भी होते हैं।
प्रतिमा में भगवान राम (Ram) के बाल और अंग वस्त्र
मूर्ति में भगवान श्री राम (Ram) के बाल भी दिखाए गए हैं। इसके अलावा उनके शरीर पर अंग वस्त्र भी दिखाया गया है। इसी के साथ-साथ मूर्ति में ही श्री राम (Ram) के गले में आभूषण भी दिखाए गए हैं।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्री राम (Ram) के दाहिने हाथ में तीर और धनुष
प्राण प्रतिष्ठा के दिन संपूर्ण श्रृंगार के वक्त श्री राम (Ram) के दाहिने हाथ में एक तीर और बाएं हाथ में धनुष भी दिखाई देगा। इसके अलावा इस दिन श्री राम (Ram) के माथे पर हीरा भी लगाया जाएगा जो श्री राम (Ram) के श्रृंगार का ही हिस्सा है।
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