रोचक किस्से: दिल्ली से कैंची धाम तक, लैरी ब्रिलिएंट और बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) के चमत्कार! जानें बाबा नीम करौली के जीवन, आश्रम और धाम की कहानियां। बाबा नीम करौली और स्टीव जॉब्स, जूलिया रॉबर्ट्स, और बांग्लादेशी के साथ जड़ी हुई कहानियों का खुलासा

जो लोग धर्म और आध्यात्मिकता को पश्चिमी दृष्टिकोण से देखते थे, वे अब समझा रहे हैं कि भारतीय संदर्भ में ‘धर्म’ शब्द का एक अलग अर्थ है, जिसे केवल ‘धर्म’ या ‘रिलीजन’ जैसे शब्दों से मिलाकर नहीं देखा जा सकता।

इस देश में जब साधु-संतों की चर्चा होती है, तो तरह-तरह के किस्से और घटनाएँ सुनने को मिलती हैं। कुछ संतों के सांसारिक स्वरूप का पता चलने पर यह सवाल उठता है कि योगी और संन्यासी धर्म के नाम पर आखिर क्यों बोझ बनने लगे हैं? वे धर्म के नाम पर लोगों की आस्था के साथ क्यों खेलने लगे हैं? इस देश में तपस्वी बाबाओं से लेकर रंगीन चरित्र वाले बाबाओं तक, अनेक खबरें फैली हुई हैं। कुछ बाबाओं की सांसारिक दुनिया सामने आने पर सवाल उठता है कि क्यों योगियों और संन्यासियों ने धर्म के नाम पर बोझ बनना शुरू किया? उन्होंने क्यों धर्म के नाम पर लोगों की आस्था से खेलना प्रारंभ किया? लेकिन यह पूरी सच्चाई नहीं है।

हालांकि, इस कहानी का एक अन्य पहलू भी है जो कुछ और ही बताता है। यह पहलू उन संतों और योगियों की कहानी है जो वास्तव में आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं और लोगों को उनके आंतरिक यात्रा में मार्गदर्शन करते हैं। इनमें से कई संतों ने अपना जीवन धर्म और आध्यात्मिकता के वास्तविक अर्थ को साझा करने में समर्पित किया है। वे सादगी और ईमानदारी के साथ जीते हैं, और उनके जीवन और उपदेशों में गहराई और पवित्रता होती है। इस प्रकार, यह महत्वपूर्ण है कि हम साधु-संतों के बारे में चर्चा करते समय सभी पहलुओं को समझें और उनके वास्तविक योगदान को पहचानें। तो इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) जी की

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) जी, जिन्हें उनके अनुयायी एक महान संत और रहस्यमयी आध्यात्मिक गुरु के रूप में देखते हैं, का जीवन वास्तव में आध्यात्मिक और चमत्कारिक अनुभवों से भरा हुआ था। बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) जी का जन्म लगभग 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था। उन्होंने 17 वर्ष की आयु में ही ज्ञान की प्राप्ति की और अपने जीवन को आध्यात्मिक खोज को समर्पित कर दिया। उनका विवाह केवल 11 वर्ष की अल्पायु में ही कर दिया गया था। विवाह के बाद, बाबा ने गृहस्थ जीवन त्याग दिया और गुजरात के एक वैष्णव मठ में दीक्षा लेकर गहन साधना में लग गए। बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) ने अपने जीवन में भारत के विभिन्न स्थानों की यात्रा की और विभिन्न आध्यात्मिक स्थलों पर साधना की। बाबा को उनके अनुयायियों द्वारा हनुमान जी का अवतार माना जाता था, और उन्हें उनकी भक्ति और साधना के लिए गहरा सम्मान प्राप्त था। बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) की मृत्यु 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में हुई थी।

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का कैंची धाम (Kanchi Dham), जो भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है, एक पवित्र स्थल है जो हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। यह धाम नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba), एक प्रसिद्ध भारतीय संत के नाम पर स्थापित किया गया है, जिन्हें उनके चमत्कारों और आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए जाना जाता है।

कैंची धाम (Kanchi Dham) अपने शांत और पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक माहौल भक्तों को गहरी शांति और आत्मिक संतोष प्रदान करता है। बाबा की समाधि और उनके आश्रम में लोग ध्यान, प्रार्थना और भक्ति में लीन होते हैं।

कैंची धाम (Kanchi Dham) तक पहुंचने के लिए नई दिल्ली से सबसे आसान तरीका सड़क मार्ग है। आप दिल्ली से नैनीताल तक टैक्सी या बस ले सकते हैं, जो कैंची धाम (Kanchi Dham) के निकटतम शहर है। नैनीताल से, आप कैंची धाम (Kanchi Dham) तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या स्थानीय बस ले सकते हैं। पूरी यात्रा में लगभग 8-9 घंटे का समय लगता है, और दूरी लगभग 300 किलोमीटर है।

हरिद्वार से कैंची धाम (Kanchi Dham) की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 250 किलोमीटर है। सामान्यतः वहां पहुंचने में कम से कम 6 घंटे 35 मिनट का समय लगता है। कैंची धाम (Kanchi Dham) एक रमणीय, सुंदर हमलेट है, जो कुमाऊं क्षेत्र के सबसे सुरम्य स्थानों में से एक है।

कैंची धाम (Kanchi Dham) काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 37 किलोमीटर की दूरी पर है और वहां पहुंचने में 1.5 घंटे का समय लगता है। महान संत नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) ने 1960 के दशक में इस आश्रम की स्थापना की थी।

कैंची धाम (Kanchi Dham) नैनीताल से 18 किलोमीटर और भोवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कैंची धाम (Kanchi Dham) न केवल भारतीय भक्तों के लिए, बल्कि विश्व भर के लोगों के लिए भी एक आध्यात्मिक केंद्र बन गया है।

इस स्थल ने विश्व प्रसिद्ध हस्तियों जैसे कि एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जैसे लोगों को भी आकर्षित किया है। उनके अनुभव और बाबा के प्रति उनकी श्रद्धा ने कैंची धाम (Kanchi Dham) की महत्ता को और भी अधिक बढ़ा दिया है।

इस तरह, नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का कैंची धाम (Kanchi Dham) न केवल एक तीर्थ स्थल है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां आध्यात्मिक खोज, आंतरिक शांति और आत्मा की जागृति का अनुभव किया जाता है।

नीम करोरी बाबा के कैंची धाम (Kanchi Dham) में अमेरिका, लंदन और फ्रांस के विदेशी भक्तों से लेकर दूर-दूर के अनेक भक्त यहां आते हैं। वे यहां बाबा के आशीर्वाद से धन्य होते हैं। आज हम आपको नीम करोरी बाबा के चमत्कारों और उनके विश्व प्रसिद्ध भक्तों की कहानियाँ सुनाने जा रहे हैं, जिनकी किस्मत बाबा के आशीर्वाद से चमक उठी।

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का कैंची धाम (Kanchi Dham) एक आशीर्वाद का नाम है, न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में करोली बाबा के लाखों भक्त हैं, जिनमें बड़े डॉक्टर, हॉलीवुड सितारे, बॉलीवुड सितारे और राजनेता भी शामिल हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर पूरी दुनिया में लोग उन पर इतना विश्वास क्यों करते हैं? इसे गहराई से समझने के लिए, नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) की कुछ वास्तविक जीवन की कहानियां हैं, जिन्हें सुनकर आप चकित हो जाएंगे।

बाबा नीम करोली (Baba neem karoli) और स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) और Mark Zuckerberg

सबसे पहले, हम आपको फेसबुक के मालिक, मार्क जुकरबर्ग की कहानी सुनाएंगे। जब जुकरबर्ग ने बाबा के दर्शन किए, तो उनकी कंपनी के सामने आई समस्याओं का हल हो गया। जुकरबर्ग ने बताया कि उनकी कंपनी को बेचने के लिए कई लोग इच्छुक थे और वे एक कठिन दौर से गुजर रहे थे। उन्होंने अपने गुरु, स्टीव जॉब्स से सलाह ली, जिन्होंने उन्हें भारत के इस मंदिर में जाने की सलाह दी, जहां वे खुद गए थे। जुकरबर्ग ने एक महीने तक यात्रा की और उन्होंने अनुभव किया कि लोग कैसे जुड़े हुए हैं और दुनिया कैसे बेहतर हो सकती है अगर सभी के पास जुड़ने की मजबूत क्षमता हो। अमेरिका के फेसबुक के मालिक जुकरबर्ग ने खुद नीम करोरी बाबा की भक्ति की शक्ति का अनुभव किया। उन्होंने बताया कि वह चार साल पहले एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स के कहने पर नैनीताल में नीम करोरी बाबा की पत्थर की मूर्ति के दर्शन करने गए थे। इस प्रकार, जुकरबर्ग ने बाबा की अद्भुत शक्ति को महसूस किया और उनके आशीर्वाद से उनकी समस्याएं हल हुईं।

बाबा नीम करोली (Baba neem karoli) और शेख मुजीबुर रहमान

दोस्तों, कहा जाता है कि एक बार नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) दिल्ली के बिरला मंदिर में बैठे थे और अचानक एक व्यक्ति वहां आता है जो बांग्लादेश से था, लेकिन उसे हैरानी होती है कि वह कुछ भी कहने से पहले बाबा ने उसे बता दिया कि आप चिंता न करें, आपके भाई को छठ पर आशीर्वाद मिलेगा और वह पूरे देश पर शासन करेगा, इसलिए यहां समय बर्बाद न करें और घर जाकर अपने भाई के स्वागत की तैयारी करें। अब दोस्तों, वह व्यक्ति बाबा की बातें सुनकर हैरान था। क्योंकि उसका भाई पाकिस्तान की मिया वाली जेल में कैद था और उसे मौत की सजा भी सुनाई गई थी, इसलिए उसे यह यकीन नहीं हो रहा था कि उसका भाई कब छोड़ा जाएगा, इसलिए वह बाबा की बातों को पचा नहीं पा रहा था। लेकिन दोस्तों आप विश्वास करें या न करें, उसके भाई को जेल से रिहा किया गया और न केवल यह, बल्कि जेल से निकलने के बाद उसका भाई तुरंत बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने, जिनका नाम था शेख मुजीबुर रहमान।

अब आप इस घटना को बाबा का चमत्कार कहकर अनदेखा नहीं कर सकते और न ही ऐसी एक घटना है जिसे अनदेखा किया जा सके बल्कि ऐसी कई घटनाएं हैं जिनका उल्लेख हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर राम दास (रिचर्ड अल्परट) ने अपनी किताब ‘द मिरेकल ऑफ लव’ में किया है।

बाबा नीम करोली (Baba neem karoli) और Julia Roberts

अब दोस्तों, यह ऑस्कर विजेता हॉलीवुड स्टार जूलिया रॉबर्ट्स ने एक साक्षात्कार में कहा है कि नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) की तस्वीर देखकर जूलिया रॉबर्ट्स ने हिंदू धर्म को अपनाया। स्टीव जॉब्स के जीवन में जब कई असफलताएं आ रही थीं, तो डॉ. लहरी ब्रिलियंट ने उन्हें बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) के कैंची धाम (Kanchi Dham) की यात्रा करने की सलाह दी और जब स्टीव जॉब्स इस स्थान की यात्रा करके वापस आए, तो उन्होंने एप्पल कंपनी शुरू की और यह भी कहा जाता है कि एप्पल का लोगो भी बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) के पसंदीदा फल एप्पल से प्रेरित है। हालांकि, एप्पल के लोगो के पीछे कई अलग-अलग कहानियां हैं।

बाबा नीम करोली (Baba neem karoli) और Larry Brilliant

दोस्तों, यह कहानी डॉ. लैरी ब्रिलियंट की है, जो एक अमेरिकी महामारी विज्ञान विशेषज्ञ और लेखक हैं। वे 1973 से 1976 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए काम करते थे। 1970 में डॉ. ब्रिलियंट उत्तराखंड के कैंची धाम (Kanchi Dham) आए, जहां नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) रहते थे। उस समय वह एक चिकित्सक थे। एक दिन, बाबा ने डॉ. ब्रिलियंट को बुलाया और कहा कि वह ध्यान करना बंद करें और दिल्ली जाकर चेचक की बीमारी के इलाज में मदद करें।

हालांकि, डॉ. ब्रिलियंट के पास न तो समय था और न ही महामारी विज्ञान में अनुभव, इसलिए उनका आवेदन बार-बार अस्वीकार किया गया। लेकिन बाबा की सलाह पर, उन्होंने फिर से प्रयास किया और अंततः उन्हें प्रशासनिक सहायक के रूप में नियुक्त किया गया। एक दिन, दो रूसी डॉक्टरों को भारतीय क्षेत्र में भेजा गया था, लेकिन एक के पास सहायक नहीं था, इसलिए डॉ. ब्रिलियंट को फील्ड पर काम करने के लिए चुना गया।

उन्हें एक गांव में चेचक कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भेजा गया। वहां, एक स्थानीय डॉक्टर ने चेचक के इलाज को असंभव मानते हुए उन्हें अस्वीकार कर दिया। लेकिन, जब डॉक्टर ने उनकी जीप के डैशबोर्ड पर बाबा नीम करौली (Baba Neem Karoli) की तस्वीर देखी, तो उन्होंने डॉ. ब्रिलियंट को फिर से बुलाया। बाबा के बयान के कारण, डॉक्टर में एक सकारात्मकता पैदा हुई और उन्होंने चेचक का इलाज शुरू कर दिया। लैरी ब्रिलियंट के प्रयासों से, भारत 1974 तक चेचक से मुक्त हो गया। उस वर्ष भारत में चेचक के 180,000 मामले थे और लगभग 30,000 मौतें हुई थीं। चेचक के उन्मूलन के लिए 30 विभिन्न देशों के 400 महामारी विज्ञानी और भारतीय कार्यकर्ता सक्रिय थे। डॉ. ब्रिलियंट कहते हैं कि उस समय भारत में लगभग हर कोई सोचता था कि यह बीमारी कभी ठीक नहीं होगी, लेकिन बाबा ने कहा था कि यह बीमारी 100% ठीक हो जाएगी, और यह सच साबित हुआ।

Neem Karoli Baba

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) को हनुमान जी का अवतार माना जाता है क्योंकि उनके जीवन में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो हनुमान जी के चमत्कारों के समान हैं। उदाहरण के लिए, कहा जाता है कि बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) ने एक बार एक व्यक्ति को एक विशाल सर्प के मुंह से बचाया था। इस घटना की तुलना हनुमान जी द्वारा लंका में सीता की रक्षा करने से की जाती है।

इसके अलावा, बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) को अपने भक्तों के प्रति अत्यधिक दयालु और करुणामय माना जाता है। वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। यह हनुमान जी के गुणों के समान है, जो हमेशा अपने भक्तों की रक्षा और सहायता के लिए तत्पर रहते हैं।

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) ने अपने जीवन में कई चमत्कार भी किए हैं, जिनमें लोगों को बीमारियों से ठीक करना, लोगों को धन और सफलता प्रदान करना, और लोगों को दुर्घटनाओं से बचाना शामिल है। ये चमत्कार भी उन्हें हनुमान जी के अवतार के रूप में देखते हैं, जो एक शक्तिशाली और चमत्कारी देवता हैं। उनके भक्तों का कहना है कि बाबा के पास अलौकिक शक्तियां थीं और वे अपने भक्तों की सहायता के लिए हमेशा उपस्थित रहते थे, जैसा कि हनुमान जी अपने भक्तों की सहायता के लिए करते हैं।

इसके अलावा, नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) ने हनुमान जी के कई मंदिरों की स्थापना की और उन्हें हनुमान भक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। उनके आश्रमों में हनुमान जी की पूजा और भक्ति का विशेष महत्व होता है। इस प्रकार, बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) के जीवन और उनकी शिक्षाओं के कारण उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है।

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बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) का जन्म कहाँ हुआ था?

बाबा नीम करोली जी का जन्म लगभग 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था।

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) की मृत्यु कहाँ हुई थी?

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) जी की मृत्यु 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में हुई थी।

बाबा नीम करोली (Baba Neem Karoli) का विवाह कितने वर्ष की आयु में हुआ था?

उनका विवाह केवल 11 वर्ष की अल्पायु में हुआ था।

कैंची धाम (Kanchi Dham) क्या है और यह कहाँ स्थित है?

कैंची धाम एक आध्यात्मिक स्थल है जो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 37 किलोमीटर की दूरी पर है, और यहाँ पहुंचने में 1.5 घंटे का समय लगता है। महान संत नीम करोली बाबा ने 1960 के दशक में इस आश्रम की स्थापना की थी।

कैंची धाम के पास कौन-कौन से शहर हैं और यह किन विशेषताओं से प्रसिद्ध है?

कैंची धाम नैनीताल से 18 किलोमीटर और भोवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे भारतीय भक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व भर के लोगों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। यहां के चमत्कारिक अनुभवों ने विश्व प्रसिद्ध व्यक्तित्वों जैसे कि स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, और जूलिया रॉबर्ट्स को भी आकर्षित किया है।

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