सूअर के दांत के चमत्कारी लाभ

रावण, लंका के महान विद्वान और शक्तिशाली राजा, अपने समय के महान तांत्रिक और ज्योतिषी भी थे। उन्होंने अनेक गूढ़ रहस्यों को उजागर किया और उन्हें “रावण संहिता” नामक ग्रंथ में संकलित किया। इस ग्रंथ में रावण ने तंत्र साधना और तांत्रिक क्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी है, जिनके माध्यम से व्यक्ति अपनी … Read more

Pitra Visarjan kab hai 2024

Pitra Visarjan kab hai

श्राद्ध: एक जीवन का सत्य श्राद्ध शब्द का अर्थ है ‘श्रद्धा से किया गया कर्म’। यह एक ऐसा अनुष्ठान है जिसे हम अपने पितरों को समर्पित करते हैं। इसके माध्यम से हम उन्हें सम्मानित करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। श्राद्ध का महत्त्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है, क्योंकि … Read more

विपत्ति में कौन सा पाठ करें: आपकी समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान

Vipatti mein kaun sa path karein

जीवन में विपत्तियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन जब हम धार्मिक आस्थाओं और प्राचीन शास्त्रों का सहारा लेते हैं, तो कठिनाइयों का सामना करना थोड़ा आसान हो जाता है। भारतीय धार्मिक परंपरा में अनेक ऐसे पाठ और स्त्रोत हैं, जिन्हें पढ़ने से मानसिक, शारीरिक और भौतिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस लेख … Read more

Shri Hari Stotram

Shri Hari Stotram

॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥ जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं॥1॥ सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं॥2॥ रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं॥3॥ जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनं जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं॥4॥ कृताम्नायगानं खगाधीशयानंविमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलंनिरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं॥5॥ समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशंजगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहंसुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं॥6॥ सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठंगुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं सदा युद्धधीरं महावीरवीरंमहाम्भोधितीरं … Read more

Sudarshana Mantra

Sudarshana Mantra

श्री सुदर्शन अष्टकम स्तोत्र भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र की महिमा का वर्णन करता है। इसका नियमित पाठ करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इस स्तोत्र में सुदर्शन चक्र की शक्तियों, उसके गुणों और उसकी रक्षात्मक क्षमताओं का विवरण होता है, जिससे … Read more

Kali Chalisa

Kali Chalisa

काली चालीसा का पाठ मां काली की कृपा को प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह न केवल साधक के जीवन के सभी संकटों को दूर करता है, बल्कि उसे आत्मिक शांति और उन्नति की ओर भी अग्रसर करता है। मां काली की उपासना में समर्पित भाव से की गई साधना निश्चित ही साधक … Read more

Sapne Me Mandir Dekhna

Sapne Me Mandir Dekhna

सपनों शास्त्र हमारे प्राचीन भारतीय ज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमें सपनों के माध्यम से भविष्य के संकेत देता है। सपने मानव जीवन का एक ऐसा रहस्यमय हिस्सा हैं जिनका अर्थ और महत्व समझना हमारे लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। भारतीय संस्कृति में स्वप्नों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है, और विशेषकर … Read more

क्यों नहीं होती देवराज इंद्र की पूजा?

Devraj Indra ke Mantra

हिंदू धर्म की समृद्ध पौराणिक कथाओं में, देवताओं का राजा देवराज इंद्र एक प्रमुख स्थान रखते हैं। वे स्वर्ग के शासक और इंद्रलोक के स्वामी हैं। इसके बावजूद, पूरे भारत में इंद्र देव के मंदिर कम ही मिलते हैं और उनकी पूजा भी लगभग नहीं होती। यह एक दिलचस्प विरोधाभास है जो कई लोगों के … Read more

Shri Vishnu Stuti

Shri Vishnu Stuti

विष्णु मंत्र स्तुति शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्।प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये।। मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यंवन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।। यं ब्रह्मा वरुणेन्द्ररुद्रमरुत: स्तुन्वन्ति दिव्यै: स्तवै-र्वेदै: साङ्गपदक्रमोपनिषदैर्गायन्ति यं सामगा:।ध्यानावस्थिततद्गतेन मनसा पश्यन्ति यं योगिनो-यस्तानं न विदु: सुरासुरगणा देवाय तस्मै नम:।। त्वमेव माता च पिता त्वमेव … Read more

Radha Kripa Kataksh

Radha Kripa Kataksh

राधा रानी के बिना श्री कृष्ण की पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करना चाहता है, उसे सबसे पहले राधा रानी की शरण में जाना चाहिए। वृषभानु की पुत्री राधा, कृष्ण के प्रति अपने निःस्वार्थ प्रेम और सेवा के प्रतीक के … Read more