कालसर्प योग

Kaalsarp yog

कालसर्प योग वैदिक ज्योतिष में एक विशेष और महत्वपूर्ण योग है, जिसे कई बार दोष के रूप में भी देखा जाता है। यह तब बनता है जब जन्मकुण्डली में सभी महत्वपूर्ण ग्रह (सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) राहु और केतु के बीच में स्थित होते हैं। राहु और केतु, चंद्रमा के उत्तरी … Read more

शीतला अष्टमी

Sheetla Ashtami

शीतला अष्टमी, जिसे बसौड़ा या बासौडा भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार माता शीतला को समर्पित है, जिन्हें शीतलता और रोग-निवारण की देवी माना जाता है। इसे चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जो होली के ठीक आठ दिन बाद … Read more

HANUMAN JAYANTI (हनुमान जयंती)

Hanuman Jayanti

हनुमान जयंती हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भक्त भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे शक्ति, बुद्धि, वीरता और संकटमोचन का आशीर्वाद मांगते हैं। हनुमान जी को अद्वितीय बल, निष्ठा और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा … Read more

सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक विशेष दिन है जो तब मनाया जाता है जब अमावस्या, या नया चंद्रमा, सोमवार को पड़ता है। यह दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और इस दिन कई हिन्दू उपवास करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवती अमावस्या को विशेष रूप से पितरों के लिए तर्पण … Read more

असतो मा सद्गमय ।

Asto Maa Sadgamay

असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्मामृतं गमया ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः । यह संस्कृत से लिया गया एक प्राचीन मंत्र है जो कि बृहदारण्यक उपनिषद् में पाया जाता है एक संस्कृत मंत्र है जिसका अर्थ है “मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।” यह मंत्र बृहदारण्यक उपनिषद् में पाया जाता … Read more

श्री कृष्ण जन्माष्टमी

Krishna Janmashtami

कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे सिर्फ जन्माष्टमी भी कहा जाता है, एक हिन्दू त्योहार है जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है, जो विष्णु के आठवें अवतार हैं। यह त्योहार भाद्रपद मास (अगस्त-सितंबर) के कृष्ण पक्ष की आठवीं तिथि (अष्टमी) को, हिन्दू चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दू धर्म में बहुत … Read more

Tilak Mantra – तिलक मंत्र

तिलक मंत्र हिन्दू धर्म में उस समय पढ़ा जाता है जब तिलक लगाया जाता है। तिलक एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है, जो आध्यात्मिक जागृति, पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक है। यह माथे पर विभिन्न प्रकार के चिन्हों के रूप में लगाया जाता है, जैसे कि उर्दू बिंदु, त्रिपुंड, चंदन, कुमकुम आदि। तिलक लगाने के … Read more

Sapne me Saap dekhna

Sapne me Saap dekhna

सपने में सांप देखना एक गहरा विषय है जो कि विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं में अलग-अलग अर्थ रखता है। यह स्वप्न शास्त्र के हिन्दू परिप्रेक्ष्य में सांपों के सपनों की व्याख्या पर केंद्रित है। हिन्दू धर्म और संस्कृति में सांपों को आध्यात्मिकता, शक्ति, उर्जा, और पुनर्जन्म का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, भगवान शिव … Read more

प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण अंग है। इस व्रत को विशेष रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। प्रदोष का समय, जो संध्या काल में आता है, विशेष रूप से पवित्र माना जाता है क्योंकि इस समय को दिन और … Read more

एक श्लोकी रामायण

Ek Shloki Ramayan

वह श्लोक जिसके पाठ से संपूर्ण रामायण के पाठ का फल प्राप्त होता है, वह है एक श्लोकी रामायण। इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए माना जाता है जिनके पास समय की कमी होती है, लेकिन वे भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन होना चाहते हैं। आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। … Read more