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।।जय श्री राम।।
हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
।।जय हनुमान ।।
इस मंत्र स्तुति में श्री हनुमान के 12 नाम, उनके गुण व शक्तियों को भी उजागर करते हैं ।
ये नाम है – हनुमान, अञ्जनीसुत, वायुपुत्र, महाबली, रामेष्ट यानी श्रीराम के प्यारे, फाल्गुनसख यानी अर्जुन के साथी, पिङ्गाक्ष यानी भूरे नयन वाले, अमित विक्रम, उदधिक्रमण यानी समुद्र पार करने वाले, सीताशोकविनाशक, लक्ष्मणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा यानी रावण के दंभ को चूर करने वाले।
हनुमान जी के 12 नाम इस प्रकार हैं:
हनुमान:
यह नाम बुद्धि, विद्या, और बल का प्रतीक है।
अंजनीसुत:
यह नाम हनुमान जी के पिता अंजनी के पुत्र होने का प्रतीक है।
वायुपुत्र:
यह नाम हनुमान जी के माता वायुदेवी के पुत्र होने का प्रतीक है।
महाबल:
यह नाम हनुमान जी के महान बल का प्रतीक है।
रामेष्ट:
यह नाम हनुमान जी के भगवान राम के परम भक्त होने का प्रतीक है।
फाल्गुनसखा:
यह नाम हनुमान जी के फाल्गुन नक्षत्र में जन्म लेने का प्रतीक है।
पिंगाक्ष:
यह नाम हनुमान जी के लाल रंग के नेत्रों का प्रतीक है।
अमितविक्रम:
यह नाम हनुमान जी के अमित्य शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है।
उदधिक्रमण:
यह नाम हनुमान जी के समुद्र को लांघने का प्रतीक है।
सीतोशोकविनाशन:
यह नाम हनुमान जी द्वारा सीता माता के दुखों को दूर करने का प्रतीक है।
लक्ष्मणप्राणदाता:
यह नाम हनुमान जी द्वारा लक्ष्मण जी को जीवनदान देने का प्रतीक है।
दशग्रीवदर्पहा:
यह नाम हनुमान जी द्वारा रावण के दस सिरों को काटने का प्रतीक है।
हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी कलयुग में भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। हनुमान जी को बुद्धि, विद्या, और बल का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी को संकटमोचक भी कहा जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों के सभी संकटों को दूर करते हैं।
मंगलवार का दिवस, जो कलियुग के देवता और राम भक्त, प्रभु हनुमान जी को समर्पित है, अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पावन दिन पर, पवनपुत्र हनुमान जी की विधि-विधान से अर्चना और पूजन करने का विशेष विधान है। यह मान्यता प्रचलित है कि प्रभु हनुमान जी की अनुकंपा से उनके अनन्य भक्तों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है। यह भी कहा जाता है कि उनका प्रताप दसों दिशाओं और चारों युगों में व्याप्त है। विशेष रूप से, मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के समय राम नाम का स्मरण और जाप करना अत्यंत शुभ और फलदायी सिद्ध होता है यह विश्वास व्याप्त है कि मंगलवार के दिन प्रभु हनुमान जी की आराधना के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त अपने भयों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह भी माना जाता है कि मंगलवार को बजरंगबली के 12 नामों का स्मरण करने से न केवल जीवनकाल में वृद्धि होती है, बल्कि सभी प्रकार के सांसारिक सुख-साधनों की प्राप्ति भी होती है। इन 12 नामों का जाप, विशेषकर मंगलवार और शनिवार को करने की सलाह दी जाती है।
हनुमान जी की पूजा विधि
प्रात:काल स्नान करने के पश्चात् शुद्ध वस्त्रों को धारण कर प्रभु हनुमान जी की पूजा के दौरान इन 12 नामों का 11 बार जाप करने से जीवनकाल में वृद्धि की बात कही जाती है। मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें, प्रतिदिन इन नामों का नियमित रूप से स्मरण करने से इष्ट की प्राप्ति होती है। दोपहर और सायंकाल के समय इन नामों का स्मरण करने वाले भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है, तथा रात्रि में सोते समय इन नामों का स्मरण करने पर शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, ऐसा माना जाता है। या सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमान जी को प्रसाद अर्पित करें और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
हनुमान जी के 12 नाम का महत्व
हनुमान जी के 12 नाम वास्तव में अत्यंत पावन और शक्तिशाली है। इन नामों के माध्यम से हनुमान जी के विभिन्न गुणों और कृतित्वों का वर्णन किया जाता है, जिनमें उनकी बुद्धि, शक्ति, भक्ति, और पराक्रम शामिल हैं। ये नाम न सिर्फ उनकी विशेषताओं को दर्शाते हैं, बल्कि भक्तों को उनके आशीर्वाद और संरक्षण का भी आश्वासन देते हैं।
मंगलवार का दिवस हनुमान जी की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन, भक्तों को हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ उनके इन 12 नामों का जाप करने की परंपरा है। इससे न केवल जीवन में सुख और समृद्धि आती है, बल्कि भक्तों को भय और दुःख से मुक्ति मिलती है।
अतः, हनुमान जी की आराधना और उनके इन 12 नामों का जाप करना कलयुग में भक्तों के लिए एक अत्यंत शुभ और संरक्षणकारी प्रक्रिया है।
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