HANUMAN JAYANTI (हनुमान जयंती)

हनुमान जयंती हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, भक्त भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे शक्ति, बुद्धि, वीरता और संकटमोचन का आशीर्वाद मांगते हैं। हनुमान जी को अद्वितीय बल, निष्ठा और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है, और वे भगवान राम के अनन्य भक्त माने जाते हैं।

यह दिन भक्ति, शक्ति और संरक्षण का प्रतीक है, और इसे पूरे भारत में विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। भक्तगण हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ, और अन्य हनुमान भजनों का गायन करते हैं। इस दिन व्रत रखना, हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाना, और बूंदी के लड्डू का भोग लगाना भी प्रचलित है।

हनुमान जयंती भारत के विभिन्न भागों में विशेष तरीके से मनाई जाती है, और इसकी तिथि विभिन्न परंपराओं और कैलेंडरों के आधार पर अलग-अलग होती है।

उत्तर भारत में, यह त्योहार चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो कि 2024 में 23 अप्रैल को पड़ रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में, इसे 41 दिनों तक मनाया जाता है, जो चैत्र पूर्णिमा से शुरू होकर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के दसवें दिन समाप्त होता है। तमिलनाडु में, हनुमान जयंती को हनुमथ जयंती के नाम से जाना जाता है और यह मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाया जाता है, जो जनवरी या दिसंबर में पड़ता है। कर्नाटक में, यह मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनाई जाती है, जिसे हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है।

हनुमान जयंती के दिन, भक्तगण सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिरों में आध्यात्मिक प्रवचनों और पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं। हनुमान जी को भगवान राम और सीता माता के अनन्य भक्त के रूप में पूजा जाता है, और इन्हें आंजनेय के नाम से भी जाना जाता है।

हनुमान जयंती 2024

हनुमान जयंती 2024 तिथि और समय निम्नलिखित है:

  • हनुमान जयंती तिथि: मंगलवार, 23 अप्रेल 2024
  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 22 अप्रेल 2024 को शाम 12:44 बजे से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 23 अप्रेल 2024 को सुबह 09:01 बजे तक

इस दिन हनुमान जी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है, और भक्तगण व्रत, पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ आदि करके हनुमान जी की आराधना करते हैं। यह त्योहार भक्तों को शक्ति, साहस, और संरक्षण का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जयंती व्रत और पूजन विधि: हनुमान जयंती का व्रत और पूजन विधि बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली मानी जाती है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण चरण दिए गए हैं जिनका पालन करके आप हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:

  1. व्रत की पूर्व संध्या पर ब्रह्मचर्य का पालन करें और शरीर और मन को पवित्र रखें। हनुमान जी की पूजा में लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर और चोला (लाल कपड़ा) आदि चीजों का उपयोग करें।
  2. ब्रह्म मुहूर्त में उठें, और भगवान श्रीराम, माता सीता, और श्री हनुमान का स्मरण करें। हनुमान जयंती के दिन सूर्योदय से पहले उठें, हनुमान जी का स्मरण करें और उन्हें प्रणाम करें।
  3. स्वच्छता के बाद, हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें। पूजा में सिंदूर, जनेऊ, और चांदी का वर्क चढ़ाएं। हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं। सिंदूर, चमेली के तेल और लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें।
  4. प्रसाद के रूप में, गुड़, भीगे या भुने चने, और बेसन/बूंदी के लड्डू चढ़ाएं। हनुमान जी को बूंदी के लड्डू या अन्य प्रसाद चढ़ाएं। यह माना जाता है कि हनुमान जी को लड्डू विशेष रूप से प्रिय हैं।
  5. पूजा का समापन आरती के साथ करें। पूजा के अंत में हनुमान जी की आरती करें। इसके बाद, सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या, और शक्ति की प्रार्थना करते हुए पूजा का समापन करें।

हनुमान जी की भक्ति में सच्चे मन से की गई पूजा और अराधना से भक्तों को साहस, बल, और संकटमोचन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हनुमान जी के अचूक टोटके:

  • मंगलवार और शनिवार को सरसों के तेल का दीपक हनुमान जी के समक्ष लगाएं।
  • बजरंग बाण का पाठ प्रतिदिन करने से शत्रु मित्र बन जाते हैं।
  • तुलसी के 108 पत्तों पर ‘जय श्री राम’ लिखकर हनुमान जी को अर्पण करें।
  • हनुमान चालीसा के सौ पाठ एक बैठक में पूरे करने से विघ्नों का नाश होता है।
  • बेसन के लड्डूओं का भोग लगाकर उन्हें मंदिर में बांट दें।
  • हर शनिवार सुंदरकांड का पाठ करने से बुरे दिनों का अंत हो जाता है।

ये रीति-रिवाज और टोटके आपकी जीवन में सकारात्मकता और सफलता ला सकते हैं।

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हनुमान जयंती का महत्व क्या है?

हनुमान जयंती भगवान हनुमान की जन्म वर्षगांठ है, जिसे उनकी असीम शक्ति, भक्ति और भगवान राम के प्रति निष्ठा के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन शक्ति, बुद्धि, वीरता, और संकटों से संरक्षण के आशीर्वाद की मांग के लिए है।

हनुमान जयंती व्रत की तैयारी कैसे करें?

हनुमान जयंती व्रत की तैयारी में व्रत की पूर्व संध्या पर ब्रह्मचर्य और शरीर व मन की पवित्रता का पालन करना शामिल है। हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना और भगवान राम, सीता, और हनुमान का स्मरण करना आवश्यक है।

हनुमान जयंती पूजा में भगवान हनुमान को क्या अर्पण किया जाता है?

भगवान हनुमान को अर्पण में गुड़, भीगे या भुने चने, और बेसन के लड्डू शामिल हैं। ये अर्पण भगवान हनुमान को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं।

2024 में हनुमान जयंती की सही तिथि क्या है?

हनुमान जयंती 2024 में मंगलवार, 23 अप्रैल को है। पूर्णिमा तिथि 22 अप्रैल को दोपहर 12:44 बजे से शुरू होकर 23 अप्रैल को सुबह 09:01 बजे समाप्त होती है।

हनुमान जयंती पूजा का समापन कैसे किया जाता है?

पूजा हनुमान जी की आरती के साथ समाप्त होती है, इसके बाद सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या, और शक्ति की प्रार्थना के साथ पूजा का समापन किया जाता है।





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