गाय का दूध बढ़ाने की सबसे सस्ती विधि

भारत में प्राचीन काल से ही खेती के साथ पशुपालन भी एक प्रमुख गतिविधि रही है। आज भी कई किसान अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए खेती के साथ पशुपालन कर रहे हैं। लेकिन, पशुपालन में कई बार यह समस्या आती है कि गाय या भैंस कम दूध देती हैं। कुछ किसान इस समस्या को हल करने के लिए इंजेक्शन का सहारा लेते हैं, जो न केवल पशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है बल्कि इस दूध का सेवन भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए, यहां हम आपको प्राकृतिक और घरेलू तरीकों से गाय और भैंस का दूध बढ़ाने के कुछ उपाय बता रहे हैं।

गाय का दूध कैसे बढ़ाएं: केवल 2 दिन में

किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे कि कैसे आप अपनी गाय या भैंस का दूध केवल 2 दिनों के भीतर बढ़ा सकते हैं। हम आपको एक विशेष फार्मूला बताएंगे जो न केवल सुरक्षित है बल्कि प्रभावी भी है। यदि आपका पशु पिछले ब्याद में 8-10 लीटर दूध दे रहा था और अब वह केवल 5-6 लीटर ही दे रहा है, तो इस फार्मूला का उपयोग करके आप उसके दूध की मात्रा बढ़ा सकते हैं।

जब पशु का दूध कम हो जाता है

जब आपके दुधारू पशु का दूध कम हो जाता है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें स्थान परिवर्तन, पशु का बच्चा खत्म हो जाना, और बीमारी के बाद की स्थितियां शामिल हैं। इन परिस्थितियों में, एक विशेष फार्मूला का उपयोग करके आप अपने पशु का दूध बढ़ा सकते हैं।

देसी फार्मूला के लिए आवश्यक सामग्री हैं: 1 किलोग्राम गेहूं का दलिया या चने का दलिया, 2-3 किलोग्राम पानी, 500 ग्राम गुड़, और 100 ग्राम सरसों का तेल या लेटे का तेल। पहले गेहूं या चने का दलिया एक बर्तन में डालकर उसमें 2-3 किलोग्राम पानी मिलाएं और हल्का उबालें। जब पानी उबलने लगे, तो उसमें 500 ग्राम गुड़ मिलाकर अच्छी तरह उबालें। इसके बाद, मिश्रण को ठंडा होने दें और उसमें 100 ग्राम सरसों का तेल या लेटे का तेल मिलाएं। इस मिश्रण को सुबह और शाम अपने पशु को खिलाएं और लगभग 2-3 दिनों तक यह प्रक्रिया दोहराएं।

इंग्लिश फार्मूला के लिए, बाजार में कई टॉनिक उपलब्ध हैं जो दूध बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। हिमालय कंपनी का “हिम शक्ति” टॉनिक एक ऐसा ही उत्पाद है। इसका उपयोग करने के लिए टॉनिक की सही खुराक अपने पशु को दें और इसे नियमित रूप से उपयोग करें।

गाय का दूध बढ़ाने के लिए घरेलू औषधि बनाने और उपयोग करने की विधि

सामग्री

  • 250 ग्राम गेहूं का दलिया
  • 100 ग्राम गुड़
  • 50 ग्राम मैथी
  • एक कच्चा नारियल
  • 25 ग्राम जीरा
  • 25 ग्राम अजवाईन

गाय का दूध बढ़ाने के लिए घरेलू औषधि बनाने और उपयोग करने की विधि निम्नलिखित है: सबसे पहले, 250 ग्राम गेहूं का दलिया, 50 ग्राम मैथी और 100 ग्राम गुड़ को एक साथ पकाएं। जब यह मिश्रण अच्छी तरह पक जाए, तो उसमें एक कच्चे नारियल को पीसकर मिला दें। इस मिश्रण को ठंडा होने दें और जब यह ठंडा हो जाए, तो इसे अपने पशु को खिलाएं। इस सामग्री को सुबह खाली पेट ही पशु को खिलाना चाहिए। इसे गाय को बच्चा देने से एक महीने पहले शुरू करना चाहिए और बच्चा देने के एक महीने बाद तक खिलाना चाहिए। गाय के ब्याने के बाद केवल 3 दिन तक 25-25 ग्राम अजवाईन और जीरा दें। ब्याने के 21 दिन तक गाय को सामान्य खाना ही दिया जाना चाहिए। गाय का बच्चा जब 3 महीने का हो जाए या जब गाय का दूध कम हो जाए, तो उसे प्रति दिन 30 ग्राम जवस औषधि खिलाएं। इन उपायों को अपनाने से गाय का दूध बढ़ने लगेगा और अच्छे परिणाम मिलेंगे। यह विधि न केवल सस्ती है बल्कि सुरक्षित और प्रभावी भी है। अतिरिक्त सुझावों में समय पर टीकाकरण, गाय के बाड़े की स्वच्छता, और हरा चारा खिलाना शामिल है, जिससे दूध की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होता है। इन सभी उपायों को अपनाकर आप अपनी गाय का दूध बढ़ा सकते हैं और उसे स्वस्थ रख सकते हैं।

दुधारू पशु गाय, भैंस की देखभाल के महत्वपूर्ण उपाय

दुधारू पशु जैसे गाय और भैंस की उचित देखभाल और रखरखाव बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल दूध का उत्पादन बढ़ता है, बल्कि पशु भी स्वस्थ और तंदरुस्त रहते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जिनका पालन करके आप अपने पशुओं की देखभाल अच्छी तरह कर सकते हैं। सबसे पहले, स्वच्छता और सफाई पर ध्यान देना आवश्यक है। दुधारू पशुओं के रहने का बाड़ा हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए और उसमें प्रकाश और हवा का उचित प्रबंध होना चाहिए ताकि पशु स्वस्थ रहें। इसके अलावा, पशुओं के लिए पक्की जगह होनी चाहिए जहां वे बारिश के समय आराम से बैठ सकें।

उचित आवास व्यवस्था भी जरूरी है। पशुओं के रहने के लिए विशेष घर और चारा खाने वाला स्थान अपेक्षाकृत ऊंचा और समतल होना चाहिए ताकि वे आराम से खा सकें और बैठ सकें। गर्मियों में पशुओं के लिए पंखे या कूलर की सुविधा होनी चाहिए ताकि भीषण गर्मी से उन्हें राहत मिल सके। पशुओं को हरा चारा खिलाना चाहिए, इससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। साथ ही, पशुओं को समय-समय पर पौष्टिक आहार देना चाहिए ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे और दूध का उत्पादन बढ़ सके।

पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण कराना चाहिए ताकि वे बीमारियों से सुरक्षित रहें और उनका स्वास्थ्य बना रहे। पशुओं को कभी खुले में नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि खुले में वे इधर-उधर घूमकर हानिकारक चीजें खा सकते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। नियमित स्वास्थ्य जांच भी आवश्यक है ताकि किसी भी बीमारी का समय पर पता चल सके और उसका उपचार किया जा सके। पशुओं को उचित विश्राम और व्यायाम की आवश्यकता होती है। उन्हें समय-समय पर खुला छोड़ना चाहिए ताकि वे व्यायाम कर सकें और ताजगी महसूस कर सकें।

पशुओं को हमेशा साफ और ताजा पानी पिलाना चाहिए क्योंकि गंदे पानी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इन सभी उपायों को अपनाकर आप अपने दुधारू पशुओं की देखभाल अच्छे से कर सकते हैं और दूध उत्पादन को भी बढ़ा सकते हैं। सही देखभाल और पोषण से न केवल दूध की मात्रा बढ़ेगी बल्कि पशु भी स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे।

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