सर्वतोभद्र मंडल : Sarvatobhadra Mandal

Sarvatobhadra Mandal

सर्वतोभद्र मंडल ज्योतिषशास्त्र के एक विशेष आयाम से संबंधित है जिसे मुख्यतः विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के मुहूर्त निर्धारण के लिए उपयोग किया जाता है। यह व्यवहार में एक वर्गाकार या चतुर्भुजीय ज्योतिषीय चार्ट होता है जिसमें आठ दिशाओं के देवता, ग्रहों के स्वामी, और नक्षत्रों के देवता आदि विभिन्न कारकों का … Read more

क्षमा प्रार्थना मंत्र

Kshama Prarthana Mantra

छमा प्रार्थना मंत्र या देवी क्षमा प्रार्थना एक हिन्दू धार्मिक प्रार्थना है जो आमतौर पर नित्य पूजा के बाद की जाती है। इस प्रार्थना के माध्यम से भक्त अपनी गलतियों के लिए देवी से क्षमा मांगते हैं। इस प्रार्थना का उद्देश्य है आत्मा की शुद्धि और अहंकार का निवारण है । देवी क्षमा प्रार्थना ॐ … Read more

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

Shri shivay namastubhyam

“श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में शिव भगवान के प्रति समर्पण और आदर की भावना को व्यक्त करता है। यह एक संस्कृत मंत्र है जिसका अर्थ है “हे भगवान शिव, आपको मेरा नमस्कार है।” भगवान शिव को हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण देवता माना जाता है, और वे सृष्टि, संहार और सम्हार … Read more

संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र

Pushpanjali Mantra

संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। यह न केवल ईश्वर के प्रति आदर और सम्मान की भावना का प्रतीक है, बल्कि एक अनुरोध भी है कि ईश्वर हमारी पूजा, अनुष्ठान, या शुभ कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करें। फूलों की टोकरी (पुष्पांजलि) अर्पित करना एक पवित्र क्रिया है, जिसमें भक्त अपनी … Read more

सिद्ध कुंजिका स्त्रोतम

Siddha Kunjika Stotram

॥सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम्॥ शिव उवाचशृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥२॥कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्॥३॥गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्॥४॥ ॥अथ मन्त्रः॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल … Read more

संकल्प मंत्र

Sankalp Mantra

संकल्प मंत्र एक हिन्दू धार्मिक क्रिया है जो किसी भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के शुरू में की जाती है। इसका उद्देश्य स्वयं को दिव्य शक्तियों के समक्ष समर्पित करना और उनसे अपने कार्य के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। संकल्प मंत्र के माध्यम से व्यक्ति अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना करता … Read more

असतो मा सद्गमय ।

Asto Maa Sadgamay

असतो मा सद्गमय । तमसो मा ज्योतिर्गमय । मृत्योर्मामृतं गमया ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः । यह संस्कृत से लिया गया एक प्राचीन मंत्र है जो कि बृहदारण्यक उपनिषद् में पाया जाता है एक संस्कृत मंत्र है जिसका अर्थ है “मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।” यह मंत्र बृहदारण्यक उपनिषद् में पाया जाता … Read more

Tilak Mantra – तिलक मंत्र

तिलक मंत्र हिन्दू धर्म में उस समय पढ़ा जाता है जब तिलक लगाया जाता है। तिलक एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथा है, जो आध्यात्मिक जागृति, पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक है। यह माथे पर विभिन्न प्रकार के चिन्हों के रूप में लगाया जाता है, जैसे कि उर्दू बिंदु, त्रिपुंड, चंदन, कुमकुम आदि। तिलक लगाने के … Read more

एक श्लोकी रामायण

Ek Shloki Ramayan

वह श्लोक जिसके पाठ से संपूर्ण रामायण के पाठ का फल प्राप्त होता है, वह है एक श्लोकी रामायण। इसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए माना जाता है जिनके पास समय की कमी होती है, लेकिन वे भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन होना चाहते हैं। आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्। … Read more

सर्वे भवन्तु सुखिनः ।

Sarve Bhavantu Sukhinah

यह शांति मंत्र है जो सभी प्राणियों के कल्याण और सुख की कामना करता है। यह मंत्र विश्वशांति, स्वास्थ्य, और सभी के लिए सुखद जीवन की कामना करता है। यह समग्र कल्याण की भावना को दर्शाता है और यह याद दिलाता है कि हमें सभी के लिए शुभ कामनाएँ भेजनी चाहिए, चाहे वे कोई भी … Read more