आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदय स्तोत्र- Aditya Hriday Strot आदित्य हृदय स्तोत्र एक शक्तिशाली और पवित्र हिन्दू स्तोत्र है जो भगवान सूर्य को समर्पित है। यह वाल्मीकि रामायण के युद्धकांड में वर्णित है, जहां ऋषि अगस्त्य ने श्री राम को लंका के राजा रावण के विरुद्ध युद्ध में विजयी होने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करने की … Read more

देवीअन्नपूर्णा के 5 शक्तिशाली मंत्र (5 powerful Annapurna Mantra)

Devi Annapurna

देवी अन्नपूर्णा हिन्दू धर्म में भोजन और पोषण की देवी मानी जाती हैं। उनका नाम “अन्न” (भोजन) और “पूर्णा” (पूर्ण या पूर्णता) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “भोजन की पूर्णता प्रदान करने वाली”। वे भौतिक निवाले के साथ-साथ आध्यात्मिक भोजन की प्रदाता भी मानी जाती हैं। देवी अन्नपूर्णा भगवान शिव की पत्नी पार्वती … Read more

संकटमोचन हनुमानाष्टक: अर्थ सहित और लिरिक्स के साथ |

हनुमानाष्टक की ब्याख्या अर्थ सहित हनुमानाष्टक, जिसे संकटमोचन हनुमानाष्टक भी कहा जाता है, भक्ति काल के महान संत तुलसीदास द्वारा रचित है। यह हनुमान जी की वीरता, दया, शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा की स्तुति करता है। इसमें हनुमान जी के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं का वर्णन है, जैसे कि … Read more

Mudakaratta Modakam: Ganesha Pancharatnam Lyrics in Sanskrit & Hindi

श्रीगणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam) “श्री गणेश पंचरत्नम्” एक संस्कृत में रचित स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया माना जाता है। इसमें पांच श्लोक होते हैं, जिन्हें ‘पंचरत्न’ कहा जाता है क्योंकि प्रत्येक श्लोक भगवान गणेश की महिमा को विशेष रूप से उजागर करता है। “मुदाकरात्तमोदकं” इस स्तोत्र का … Read more

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram) श्लोक 1: श्री शुक उवाच – एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ अर्थ: शुकदेव जी कहते हैं कि गजेंद्र ने अपने मन को हृदय में स्थिर करके, जिसे वह पूर्वजन्म में सीखा था, वह परम जाप्य (मंत्र) का जप किया। … Read more

शिव स्तुति: मंत्र, श्लोक, और अर्थ सहित | Shiv Stuti Mantra, Shlok, Aur Arth Sahit

श्लोक 1 का अर्थ: नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ “मैं नमन करता हूँ उस ईश्वर को, जो निर्वाण का रूप हैं, विभु हैं, सर्वव्यापी हैं, और ब्रह्म के वेद स्वरूप हैं। जो स्वयं में निर्गुण, निर्विकल्प, और निरीह हैं, और जो चेतना के आकाश में आकाश की … Read more

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram- Aigiri Nandini)

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् हिन्दू धर्म में एक प्रमुख स्तोत्र है, जो देवी दुर्गा की महिमा का गान करता है। इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र देवी दुर्गा के महिषासुर, एक महान असुर के वध की कथा को समर्पित है। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् अपनी शक्तिशाली और भावपूर्ण भाषा के लिए प्रसिद्ध है, … Read more

श्री राम रक्षा स्तोत्र

।। अथ श्री राम रक्षा स्तोत्रम।। । श्री गणेशाय नमः। अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः ।श्री सीतारामचंद्रो देवता ।अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः ।श्रीमान हनुमान कीलकम ।श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः । अथ ध्यानम्‌: ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपदमासनस्थं,पीतं वासो वसानं नवकमल दल स्पर्धिनेत्रम् प्रसन्नम ।वामांकारूढ़ सीता मुखकमलमिलल्लोचनम्नी,रदाभम् नानालंकारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलम् रामचंद्रम ॥ राम रक्षा स्तोत्रम्: चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् ।एकैकमक्षरं … Read more

श्री बजरंग बाण: पाठ, लिरिक्स, और चमत्कार | Bajrang Baan Path, Lyrics, PDF, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

बजरंग बाण (Bajrang Baan) ” दोहा “ “निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।”तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥” “चौपाई” जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर … Read more

शिव चालीसा और उसका महत्व

शिव चालीसा

शिव चालीसा का अर्थ शिव चालीसा का महत्व शिव चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। शिव की कृपा से सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। शिव के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं … Read more