Maruti Stotra- मारुती स्तोत्र

मारुति स्तोत्रम् समर्थ गुरु रामदास जी द्वारा रचित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो भगवान हनुमान जी की महिमा का गुणगान करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जिससे सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं। यहां पर पूरा मारुति स्तोत्रम् प्रस्तुत है:

मारुती स्तोत्र

।। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ।।

समर्थ गुरु रामदास जी द्वारा रचित मारुति स्तोत्र एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्तोत्र है जिसमें भगवान हनुमान की स्तुति और उनके स्वरूप का वर्णन किया गया है। इसके पहले 13 श्लोकों में हनुमान जी के विभिन्न गुणों और शक्तियों का उल्लेख किया गया है, जो उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ाते हैं।

मारुति स्तोत्र के प्रारंभिक 13 श्लोकों में हनुमान जी के निम्नलिखित गुणों का वर्णन किया गया है:

  • उनकी बलशाली और तेजस्वी प्रकृति,
  • उनकी अद्वितीय भक्ति और सेवा,
  • उनकी बुद्धिमत्ता और ज्ञान,
  • उनकी अजेयता और शौर्य,
  • उनकी अपार शक्ति और साहस।

इन गुणों के माध्यम से समर्थ गुरु रामदास जी ने हनुमान जी के प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान प्रकट किया है।

इसके बाद के चार श्लोकों में, जिन्हें चरणश्रुति कहा जाता है, हनुमान जी की भक्ति से प्राप्त होने वाले लाभों का वर्णन किया गया है। इन श्लोकों में बताया गया है कि जो भक्त नियमित रूप से मारुति स्तोत्र का पाठ करते हैं, उन्हें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:

  • सभी परेशानियों और मुश्किलों का समाधान,
  • सभी चिंताओं और कष्टों का निवारण,
  • दुश्मनों और बुरी शक्तियों से मुक्ति,
  • सभी मनोकामनाओं की पूर्ति।

इसके अतिरिक्त, ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इस स्तोत्र का 1100 बार पाठ करता है, तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह स्तोत्र हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और कृपा को दर्शाता है, और उनके आशीर्वाद से भक्त को आत्मबल, साहस और सफलता प्राप्त होती है।

मारुति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति में सकारात्मकता और आत्मविश्वास का संचार होता है, और उसे जीवन की सभी बाधाओं को पार करने की शक्ति मिलती है। हनुमान जी की कृपा से भक्त को जीवन में स्थिरता, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

मारुति स्तोत्र का ज्योतिष कनेक्शन –

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष महत्व है। ये ग्रह और नक्षत्र व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालते हैं, जिनमें शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव शामिल हैं। मंगल, शनि, राहु और केतु जैसे ग्रहों को क्रूर ग्रह माना जाता है, और जब ये ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर या पीड़ित होते हैं, तो वे जीवन में विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए ज्योतिषीय उपाय और मंत्र पाठ को महत्वपूर्ण माना जाता है।

मारुति स्तोत्र, जो कि भगवान हनुमान की स्तुति में रचित है, ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावी माना गया है। यह स्तोत्र विशेष रूप से मंगल, शनि, राहु और केतु से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक है। नियमित रूप से विधिपूर्वक इस स्तोत्र का पाठ करने से इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं कि ये स्तोत्र कैसे कारगर है:

  • मंगल दोष: मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा, और युद्ध का कारक माना जाता है। जब यह ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को दुर्घटनाओं, झगड़ों, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मारुति स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और व्यक्ति को साहस, शक्ति और स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।
  • शनि दोष: शनि ग्रह न्याय, कर्म और अनुशासन का प्रतीक है। इसकी अशुभ स्थिति व्यक्ति को कष्ट, बाधाएं और मानसिक तनाव दे सकती है। हनुमान जी को शनि देव का विशेष उपासक माना गया है, और इसलिए मारुति स्तोत्र का पाठ करने से शनि ग्रह के दोष दूर होते हैं और व्यक्ति को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • राहु दोष: राहु ग्रह को भ्रम, अस्थिरता और अनिश्चितता का कारक माना जाता है। इसकी अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में उलझनें और भ्रम उत्पन्न कर सकती है। हनुमान जी के स्तोत्र का नियमित पाठ राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक है और व्यक्ति को स्थिरता और स्पष्टता प्राप्त होती है।
  • केतु दोष: केतु ग्रह मोक्ष, ध्यान और आध्यात्मिकता का कारक है, लेकिन इसकी अशुभ स्थिति व्यक्ति को मानसिक तनाव, आकस्मिक घटनाओं और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करा सकती है। मारुति स्तोत्र का पाठ करने से केतु ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ होता है।

इस प्रकार, मारुति स्तोत्र का नियमित पाठ इन ग्रहों से संबंधित दोषों को दूर करने में अत्यंत कारगर सिद्ध होता है। हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति को जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। अतः, ज्योतिषीय दृष्टि से भी मारुति स्तोत्र का पाठ महत्वपूर्ण और लाभदायक माना गया है।

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मारुति स्तोत्र क्या है और इसे किसने रचा है?

मारुति स्तोत्र एक भक्ति स्तोत्र है जिसे समर्थ गुरु रामदास ने रचा है, जिसमें भगवान हनुमान के गुणों और शक्तियों की महिमा गाई गई है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।

मारुति स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने के क्या लाभ हैं?

मारुति स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, समस्याएं हल होती हैं, चिंताएं कम होती हैं, इच्छाएं पूरी होती हैं और दुश्मनों और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है। इससे व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, समृद्धि और शांति आती है।

मारुति स्तोत्र के पहले 13 श्लोकों में भगवान हनुमान के कौन से गुणों का वर्णन किया गया है?

पहले 13 श्लोकों में हनुमान जी की शक्तिशाली और तेजस्वी प्रकृति, उनकी अद्वितीय भक्ति और सेवा, उनकी बुद्धिमत्ता और ज्ञान, उनकी अजेयता और शौर्य, और उनकी अपार शक्ति और साहस का वर्णन किया गया है।

मारुति स्तोत्र के अंतिम चार श्लोकों (चरणश्रुति) में कौन से लाभों का वर्णन किया गया है?

चरणश्रुति में बताया गया है कि जो भक्त नियमित रूप से मारुति स्तोत्र का पाठ करते हैं, उन्हें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे सभी परेशानियों और मुश्किलों का समाधान, सभी चिंताओं और कष्टों का निवारण, दुश्मनों और बुरी शक्तियों से मुक्ति और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति।

वैदिक ज्योतिष में मारुति स्तोत्र को कैसे प्रभावी माना गया है?

मारुति स्तोत्र मंगल, शनि, राहु और केतु जैसे क्रूर ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक है। इसका नियमित पाठ इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति दिलाता है।

मारुति स्तोत्र मंगल दोष (मंगल ग्रह से संबंधित समस्याएं) को कैसे कम करता है?

मारुति स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, जिससे व्यक्ति को दुर्घटनाओं, झगड़ों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है और साहस, शक्ति और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

मारुति स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने के क्या लाभ हैं?

मारुति स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, समस्याएं हल होती हैं, चिंताएं कम होती हैं, इच्छाएं पूरी होती हैं और दुश्मनों और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है। इससे व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, समृद्धि और शांति आती है।





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