“हे शारदे माँ” एक हिंदी भाषा में शारदा माता के लिए समर्पित एक प्रार्थना है, जो सरस्वती देवी का एक रूप है। इस प्रार्थना का उपयोग अक्सर स्कूलों और शैक्षिक संस्थाओं में किया जाता है ताकि छात्रों में ज्ञान, बुद्धि और संगीत के लिए देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ, हे शारदे माँ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ हे शारदे माँ॥
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी
वेदों की भाषा, पुराणों की बानी
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटाके अँधेरे
हमको उजालों का संसार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ॥
शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तार दे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ॥
इस प्रार्थना में देवी सरस्वती से ज्ञान और मार्गदर्शन की याचना की जाती है। यह प्रार्थना न केवल ज्ञान के लिए बल्कि नैतिकता और साहित्यिक गुणों के विकास के लिए भी अनुरोध करती है। इस प्रकार की प्रार्थना आध्यात्मिक शिक्षा और संस्कार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है, और यह भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है।
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