सर्वे भवन्तु सुखिनः ।

यह शांति मंत्र है जो सभी प्राणियों के कल्याण और सुख की कामना करता है।

यह मंत्र विश्वशांति, स्वास्थ्य, और सभी के लिए सुखद जीवन की कामना करता है। यह समग्र कल्याण की भावना को दर्शाता है और यह याद दिलाता है कि हमें सभी के लिए शुभ कामनाएँ भेजनी चाहिए, चाहे वे कोई भी हों और कहीं भी हों। यह मंत्र आध्यात्मिक प्रार्थनाओं, ध्यान सत्रों, और योग प्रथाओं में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।

यह मंत्र संस्कृत भाषा में है और इसका बहुत गहरा आध्यात्मिक अर्थ है। यह सभी प्राणियों के कल्याण की कामना करता है। इसे शांति मंत्र के रूप में भी जाना जाता है। आइए इसके प्रत्येक शब्द का अर्थ देखते हैं:

  1. (Om): ब्रह्मांड की मूल ध्वनि; आध्यात्मिकता में इसे सर्वोच्च सत्ता या परम चेतना का प्रतीक माना जाता है।
  2. सर्वे (Sarve): सभी, हर कोई।
  3. भवन्तु (Bhavantu): हों, बनें।
  4. सुखिनः (Sukhinah): सुखी, आनंद में।
  5. सन्तु (Santu): हों (एक और रूप में ‘भवन्तु’ के समान)।
  6. निरामयाः (Niramayah): रोगमुक्त, बिना किसी बीमारी या परेशानी के।
  7. भद्राणि (Bhadraani): शुभ, लाभदायक।
  8. पश्यन्तु (Pashyantu): देखें, अनुभव करें।
  9. मा (Ma): नहीं।
  10. कश्चित् (Kashchit): कोई भी।
  11. दुःख (Duhkha): दुःख, पीड़ा।
  12. भाग्भवेत् (Bhagbhavet): भागीदार बने।

पूरे मंत्र का संक्षिप्त अर्थ है: “सभी सुखी हों। सभी रोगमुक्त हों। सभी शुभ चीजें देखें। किसी को भी दुःख का भागीदार न बनना पड़े।”

इस मंत्र के माध्यम से, हम सभी प्राणियों के लिए सुख, स्वास्थ्य, और शुभता की कामना करते हैं, और यह कामना करते हैं कि किसी को भी दुःख का सामना न करना पड़े। यह वैश्विक शांति और कल्याण के लिए एक संदेश है।

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शांति मंत्र में “ॐ (Om)” का क्या महत्व है?

शांति मंत्र में, “ॐ (Om)” ब्रह्मांड की मूल ध्वनि को दर्शाता है। यह आध्यात्मिकता में सर्वोच्च सत्ता या परम चेतना का प्रतीक माना जाता है।

शांति मंत्र सुख और स्वास्थ्य के बारे में क्या प्रार्थना करता है?

शांति मंत्र प्रार्थना करता है कि सभी प्राणी “सुखिनः (Sukhinah)” अर्थात सुखी और आनंदित हों, और “निरामयाः (Niramayah)” जिसका मतलब है बीमारी या पीड़ा से मुक्त हों।

शांति मंत्र में “भद्राणि (Bhadraani)” और “पश्यन्तु (Pashyantu)” का क्या अर्थ है?

“भद्राणि (Bhadraani)” का अर्थ है शुभ या लाभदायक चीजें, और “पश्यन्तु (Pashyantu)” का मतलब है देखना या अनुभव करना। मिलकर, वे सभी के लिए जीवन में अच्छी और लाभदायक चीजों को देखने और अनुभव करने की कामना करते हैं।

शांति मंत्र विशेष रूप से दुख और पीड़ा के बारे में क्या कामना करता है?

शांति मंत्र विशेष रूप से कामना करता है कि “मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्” अर्थात किसी को भी दुख या पीड़ा का भागीदार न बनना पड़े।

शांति मंत्र का व्यवहार में कैसे उपयोग किया जाता है?

यह शांति मंत्रआध्यात्मिक प्रार्थनाओं, ध्यान सत्रों, और योग प्रथाओं में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है, जिसका उद्देश्य सभी प्राणियों के कल्याण और विश्वशांति है।

शांति मंत्र का सर्वोच्च संदेश क्या है?

शांति मंत्र सार्वभौमिक शांति और कल्याण का संदेश देता है, जिसमें सभी प्राणियों के लिए सुख, स्वास्थ्य, और समृद्धि की कामना की जाती है बिना किसी अपवाद के। यह जोर देता है कि हमें सभी के लिए शुभ कामनाएं भेजनी चाहिए, चाहे वे कौन हों या कहाँ हों।





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