राम रामेति रामेति का अर्थ

यह मंत्र भगवान श्री राम के नाम का महात्म्य बताने वाला है, और इसका अर्थ बहुत ही गहरा और सुंदर है। यहाँ इस मंत्र की शब्दशः व्याख्या की जा रही है:

“राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे।राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे।सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने॥”

  • राम रामेति रामेति”:
    इस पंक्ति में बार-बार भगवान राम का नाम लिया जा रहा है। इसका अर्थ है “राम-राम का उच्चारण करते हुए।” यह भगवान राम के नाम की महिमा को दर्शाता है कि केवल उनका नाम लेने से ही मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वह ईश्वर के समीप पहुँच जाता है।
  • रमे रामे मनोरमे”:
    इसमें कहा गया है कि “राम के नाम में रमण करो, मन को रमणीय (आनंदित) करो।” यह बताता है कि जो व्यक्ति भगवान राम के नाम में अपनी मनःस्थिति को रमाता है, उसके जीवन में शांति और आनंद प्राप्त होता है।
  • सहस्रनाम तत्तुल्यं”:
    इस पंक्ति का अर्थ है कि “भगवान राम का नाम ‘सहस्रनाम’ (भगवान विष्णु के 1000 नामों) के बराबर है।” यहाँ राम के नाम की अद्वितीय महिमा बताई गई है, कि यदि कोई व्यक्ति केवल ‘राम’ नाम का जप करता है, तो उसे वही फल मिलता है जो विष्णु सहस्रनाम के जप से मिलता है।
  • रामनाम वरानने”:
    इसका अर्थ है “हे सुंदर मुख वाली (पार्वती), राम नाम का जप करने से सब कुछ प्राप्त होता है।” यह एक सम्मानजनक संबोधन है जो भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा था, जिसमें राम नाम की शक्ति और महत्व को बताया गया है।

“Rama Rameti Rama Rameti”:
In this line, the name of Lord Rama is repeated multiple times. It means “uttering the name of Rama continuously.” This highlights the glory of Lord Rama’s name, signifying that simply by chanting his name, one’s sins are destroyed, and the devotee attains closeness to God.

“Rame Rame Manorame”:
This phrase suggests, “Immerse yourself in the name of Rama, and let your mind become delightful.” It indicates that the person who focuses their mind on Lord Rama’s name attains peace and joy in life.

“Sahasranama Tattulyam”:
This line means, “The name of Lord Rama is equivalent to the ‘Sahasranama’ (the thousand names of Lord Vishnu).” Here, the unparalleled significance of Rama’s name is highlighted, conveying that chanting just the name ‘Rama’ brings the same benefits as reciting the Vishnu Sahasranama.

“Ramanama Varanane”:
This means, “O beautiful-faced one (Parvati), by chanting the name of Rama, everything is attained.” This respectful address was given by Lord Shiva to Goddess Parvati, emphasizing the power and importance of Lord Rama’s name.

सम्पूर्ण अर्थ:

भगवान राम के नाम का जप करने से उतना ही पुण्य फल प्राप्त होता है जितना कि विष्णु सहस्रनाम के जप से होता है। भगवान राम का नाम सबसे पवित्र और शुभकारी है, और इसे जपने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे आत्मिक शांति प्राप्त होती है। राम नाम का महात्म्य इतना बड़ा है कि यह सहस्र नामों के बराबर माना गया है।

भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं कि राम नाम अत्यंत मधुर और प्रभावशाली है। “राम” शब्द में भगवान विष्णु के सहस्रनाम (1000 नामों) का पूर्ण फल समाहित है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक बल भी प्रदान करता है।

Chanting the name of Lord Rama bestows the same spiritual merit as reciting the Vishnu Sahasranama (the thousand names of Lord Vishnu). The name of Lord Rama is considered the most sacred and auspicious, and by chanting it, all of a person’s sins are washed away, leading to inner peace and spiritual fulfillment. The significance of Rama’s name is so immense that it is regarded as equal to a thousand holy names.

Lord Shiva tells Goddess Parvati that the name “Rama” is exceedingly sweet and powerful. In the word “Rama,” the complete merit of Vishnu’s thousand names is contained. This mantra not only offers spiritual benefits but also grants mental peace and strengthens the soul.

राम रामेति मंत्र का महत्त्व और कथा

धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में मंत्रों का विशेष स्थान होता है। इन्हीं मंत्रों में से एक प्रमुख मंत्र है “राम रामेति रामेति”, जिसे राम तारक मंत्र भी कहा जाता है। यह मंत्र भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को बताया गया था, जिसमें राम नाम को विष्णु सहस्रनाम के समान बताया गया है। इस लेख में हम इस मंत्र के गूढ़ अर्थ और उससे जुड़ी पौराणिक कथा पर प्रकाश डालेंगे।

राम नाम की शक्ति
शास्त्रों में कहा गया है कि “राम” नाम मात्र से ही सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होता है। भगवान शिव स्वयं इस मंत्र के जाप से अभिभूत रहते हैं, इसलिए इसे अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। राम का नाम विष्णु के सहस्रनाम के समान है, जिसे गहरे ध्यान और विश्वास के साथ जाप करने पर अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।

राम तारक मंत्र
इस मंत्र को “राम तारक मंत्र” के रूप में भी जाना जाता है। “तारक” शब्द का अर्थ है “उद्धार करने वाला”, और यह नाम इस मंत्र के प्रमुख उद्देश्यों में से एक को स्पष्ट करता है — जीवात्मा का उद्धार और परमात्मा से मिलन। यह मंत्र संपूर्ण विष्णु सहस्रनाम के जाप के समान प्रभावशाली है, और इसलिए इसे राम रक्षा स्तोत्रम् में भी प्रमुख स्थान दिया गया है।

पौराणिक कथा
एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती से भोजन करने का अनुरोध किया। उस समय पार्वती जी विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर रही थीं और उन्होंने भोजन के लिए थोड़ा समय माँगा। कुछ समय बाद भगवान शिव ने फिर से पार्वती जी को भोजन के लिए बुलाया, लेकिन वे अभी भी सहस्रनाम के पाठ में व्यस्त थीं। भोजन ठंडा हो रहा था और शिव जी को शीघ्रता थी।

तब भगवान शिव ने पार्वती जी से कहा, “हे पार्वती! राम नाम का उच्चारण करो। एक बार ‘राम’ कहने से ही विष्णु सहस्रनाम के पाठ का सम्पूर्ण फल प्राप्त हो जाता है।” इस प्रकार भगवान शिव ने राम नाम की महिमा को स्पष्ट किया। पार्वती जी ने शिव जी की इस बात का अनुसरण किया और “राम” का जप करके तुरंत प्रसन्न होकर शिव जी के साथ भोजन किया।

मंत्र का आध्यात्मिक लाभ
इस मंत्र का जाप व्यक्ति के भीतर शांति, शक्ति और संतुलन लाता है। यह मंत्र कठिन समय में मन को स्थिर करता है और नकारात्मकता को दूर करता है। जो साधक नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करते हैं, वे न केवल भौतिक जीवन में उन्नति करते हैं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध होते हैं।

राम नाम की महिमा अनंत है और इस मंत्र का जाप अत्यंत सरल होने के साथ-साथ गहरे आध्यात्मिक अर्थ रखता है। भगवान शिव के मुख से निकला यह मंत्र प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के हर पहलू में शक्ति, शांति और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है। इसलिए, हर किसी को इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करना चाहिए ताकि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए और ईश्वर की कृपा प्राप्त हो।

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