Tarak mantra

Tarak mantra

संत श्री स्वामी समर्थ एक महान भारतीय संत और आध्यात्मिक गुरु थे। उनका जन्म, जीवन और कार्य विशेष रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रसिद्ध हैं। उन्हें “अक्कलकोट के स्वामी” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का प्रमुख हिस्सा अक्कलकोट, महाराष्ट्र में बिताया। स्वामी समर्थ के बारे में कई कथाएँ … Read more

कनकधारा स्तोत्र- Kanakdhara Strotam

Kanakdhara Strotam

कनकधारा स्तोत्र देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला मंत्र है। कहते है इसका पाठ करने से व्यक्ति को धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है। देवी ल्क्ष्मी कनकधारा स्तोत्र का नियमित और हर शुक्रवार को पाठ करने वाले को धनवान और ऐश्वर्यवान बना देती हैं। दरअसल यह देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला स्तोत्र … Read more

Mahamrityunjay Mantra- महामृत्युंजय मंत्र

Mahamrityunjay Mantra

महामृत्युंजय मंत्र, जिसे मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र कहा जाता है, त्रयंबकम मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। यह ऋग्वेद का एक श्लोक है जो त्रयंबक (त्रिनेत्रों वाला) रुद्र (बाद में शिव के साथ जोड़ा गया) को संबोधित करता है। यह श्लोक यजुर्वेद में भी आता है। गायत्री मंत्र के साथ, यह … Read more

Maruti Stotra- मारुती स्तोत्र

Maruti Strota

मारुति स्तोत्रम् समर्थ गुरु रामदास जी द्वारा रचित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो भगवान हनुमान जी की महिमा का गुणगान करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जिससे सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं। यहां पर पूरा मारुति … Read more

Moti Shanti

जैन मोती शांति पाठ जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है, जिसका उद्देश्य मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त करना है। यह पाठ विशेष रूप से धार्मिक अवसरों, पूजा, अभिषेक, और अन्य धार्मिक आयोजनों में किया जाता है। इसमें विभिन्न मंत्र और श्लोक शामिल होते हैं, जो भगवानों, देवताओं और तीर्थंकरों की स्तुति करते हैं … Read more

Kaal Bhairav- काल भैरव

Kaal Bhairav Nepal

काल भैरव हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और इन्हें भगवान शिव का एक उग्र और शक्तिशाली रूप माना जाता है। काल भैरव के संबंध में कई पुराणिक कथाएँ और धर्मग्रंथों में वर्णन मिलता है। यहाँ काल भैरव के बारे में कुछ प्रमुख बातें दी जा रही हैं: काल भैरव की महिमा … Read more

Baglamukhi Mata -बगलामुखी माता

Baglamukhi Mata

बगलामुखी देवी हिन्दू धर्म में दश महाविद्याओं में से एक हैं और शक्ति की देवी मानी जाती हैं। उन्हें विजय, अधिकार, और शत्रु पर विजय प्राप्त करने की देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी बगलामुखी की उपासना से साधक को जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओं, विपत्तियों और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। … Read more

Ganapati Atharvashirsha

Ganapati Atharvashirsha

॥ श्री गणेशाय नम: ॥ ॐ भद्रं कर्णेभि शृणुयाम देवा: ।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्रा: ॥स्थिरै रंगै स्तुष्टुवां सहस्तनुभि: ।व्यशेम देवहितं यदायु: ॥ १ ॥ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा: ।स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा: ।स्वस्ति न स्तार्क्ष्र्यो अरिष्ट नेमि: ॥स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ २ ॥ ॐ शांति: ॥ शांति: ॥ शांति: ॥ ॐ नमस्ते गणपतये। त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसित्वमेव केवलं … Read more

Bhaktamar Stotra

Bhaktamar Stotra

भक्तामरस्तोत्रम् संस्कृत कालजयी महाकाव्य श्रीमन्मानतुङ्गाचार्य-विरचितम् भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा-मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा-वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥ य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा-दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: ।स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:,स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं जिनेन्द्रम् ॥2॥ बुद्ध्या विनापि विबुधार्चित-पाद-पीठ!स्तोतुं समुद्यत-मतिर्विगत-त्रपोऽहम् ।बालं विहाय जल-संस्थित-मिन्दु-बिम्ब-मन्य: क इच्छति जन: सहसा ग्रहीतुम् ॥3॥ वक्तुं गुणान्गुण-समुद्र ! शशांक-कान्तान्,कस्ते क्षम: सुर-गुरु-प्रतिमोऽपि बुद्ध्या ।कल्पान्त-काल-पवनोद्धत-नक्र-चक्रं ,को वा तरीतुमलमम्बुनिधिं भुजाभ्याम् ॥4॥ सोऽहं तथापि तव … Read more

स्वस्तिक

Swastik

स्वस्तिक, जिसका अर्थ है “शुभ” या “सौभाग्यशाली”, एक प्राचीन प्रतीक है जिसका उपयोग कई संस्कृतियों में होता है। यह चिन्ह विशेष रूप से हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, और कई अन्य एशियाई और प्राचीन सभ्यताओं में महत्वपूर्ण है। स्वस्तिक का प्रतीक आमतौर पर चार भुजाओं वाला क्रॉस होता है, जिसमें प्रत्येक भुजा 90 डिग्री … Read more