माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम् (Maa Baglamukhi Ashtottara Shatnam Stotram)

Baglamukhi

माँ बगलामुखी (Maa Baglamukhi) अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम् देवी बगलामुखी की 108 नामों से संबंधित एक दिव्य स्तोत्र है। देवी बगलामुखी हिन्दू धर्म में दश महाविद्याओं में से एक हैं और उन्हें शत्रुओं को स्तंभित करने, भ्रांतियों को दूर करने, और वाणी व ज्ञान की शक्ति प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। उनका नाम … Read more

Shiv Dhyan Mantra- शिव ध्यान मंत्र

Shiv Dhyan Mantra

Shiv Dhyan Mantra शिव ध्यान मंत्र (Shiv Dhyan Mantra) भगवान शंकर के गुण की महिमा का गुणगान करता है। यह श्लोक का पथ बागवन शिव के दिव्य एवं उनकी अनंत शक्तियों की स्तुति करना माना जाता है।  यह श्लोक की स्तुति  करने से भगवान शिव की कृपा एवं जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति एवं … Read more

श्री कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र

Shree Krishna Kripa Kataksh Strot

श्रीकृष्ण कृपाक टाक्ष स्तोत्र एक हिन्दू धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति में गाया जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों का मानना है कि उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के निकट … Read more

Mahakali Stotra | महाकाली स्तोत्र

Mahakali Stotra

महाकाली स्तोत्रम् देवी काली की उपासना के लिए एक पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है, जो उनकी महिमा, शक्ति, और कृपा का गुणगान करता है। यह स्तोत्र भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है बल्कि उन्हें भय, संशय, और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक होता है। जिन मंत्रों का आपने उल्लेख … Read more

सप्तऋषि: सप्त ऋषियों के नाम, सप्तऋषि मंत्र, जीवन परिचय एवं योगदान

सप्तऋषि, जिसे “सात ऋषियों” के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन्हें वेदों के मूल ज्ञान के प्रणेता माना जाता है। वे प्राचीन काल में ज्ञान के विस्तार और धर्मिक शिक्षाओं के संरक्षण में मुख्य भूमिका निभाते थे। सप्तऋषि के नाम कालान्तर में बदलते रहे हैं, लेकिन वैदिक काल में … Read more

मंगल दोष:मंगल दोष के लक्षण और उपाय

मंगल दोष, जिसे “मांगलिक दोष” भी कहा जाता है, हिंदू ज्योतिष में एक ज्योतिषीय स्थिति है जो तब होती है जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में स्थित होता है। यह दोष व्यक्ति के विवाह और संबंधों पर अपना प्रभाव डालता है और इसे वैवाहिक जीवन में समस्याओं का … Read more

Ekatmata Mantra: एकात्मता मंत्र अर्थ, स्त्रोत, PDF और Lyrics

यं वैदिका मन्त्रदृशः पुराणा इन्द्र यमं मातररिश्वानमाहुः । वेदान्तिनो ऽनिर्वचनीयमेकं यं ब्रह्मशब्देन विनिर्दिशन्ति || १ || शैवा यमीशं शिव इत्यवोचन् यं वैष्णवा विष्णुरिति स्तुवन्ति । बुद्धस्तथाऽर्हन्निति बौद्धजैनाः सत्श्री अकालेति च सिक्ख संत ||२|| शास्तेति केचित् कतिचित् कुमारः स्वामीति मातेति पितेति भक्त्या ।  प्रार्थयन्ते जगदीशितारं यं स एक एव प्रभुरद्वितीयः ||३|| एकात्मता मंत्र का अर्थ एकात्मता … Read more

पारद शिवलिंग

“पारद शिवलिंग” एक प्रकार का शिवलिंग है जो कि पाराद धातु से बनाया जाता है। पारद शिवलिंग को धारण करने का कहा जाता है क्योंकि यह शिव के प्रतीक में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे धारण करने के बारे में विशेष मान्यताएं हैं। पारद शिवलिंग को उत्तम माना जाता है जो साधक को शिव के … Read more

रुद्राक्ष के फायदे: नकारात्मक ऊर्जाओं के खिलाफ एक कवच

Rudraksh ke faayde

रुद्राक्ष हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसका उपयोग धार्मिक और स्पिरिचुअल प्रयोजनों के लिए किया जाता है। रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव से माना जाता है और इसे शिव के आँसुओं के रूप में भी देखा जाता है। रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिन्हें ‘मुखी’ के आधार पर वर्गीकृत किया … Read more

Bhojan Mantra- मंत्र जिसके पढ़ने से खाना पवित्र हो जाता है।

Bhojan mantra

भोजन मंत्र (Bhojan Mantra) भोजन मंत्र (Bhojan Mantra) एक पवित्र वचन होता है जिसे भोजन करने से पहले पढ़ा जाता है, इसका उद्देश्य भोजन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और भोजन को पवित्र मानना है। ॐ यन्तु नदयो वर्षन्तु पर्जन्याः । सुपिप्पला ओषधयो भवन्तु ।  अन्नवतामोदनवतामामिक्षवताम्। एषां राजा भूयासम् । ओदनमुद्ब्रुवते परमेष्ठी वा एषः यदोदनः। … Read more