श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

Shri shivay namastubhyam

“श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में शिव भगवान के प्रति समर्पण और आदर की भावना को व्यक्त करता है। यह एक संस्कृत मंत्र है जिसका अर्थ है “हे भगवान शिव, आपको मेरा नमस्कार है।” भगवान शिव को हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण देवता माना जाता है, और वे सृष्टि, संहार और सम्हार … Read more

पंचामृत

पंचामृत एक पारंपरिक हिंदू रिचुअल में प्रयोग किया जाने वाला एक पवित्र मिश्रण है। इसका अर्थ होता है ‘पांच अमृत (नेक्टार)’, जो कि इसके पांच मुख्य घटकों से बना होता है: दूध, दही, घी, शहद, और शर्करा (या मिश्री)। पंचामृत का उपयोग हिन्दू धर्म में पूजा और अनुष्ठानों के दौरान पवित्र अर्पण के रूप में … Read more

Ashta Siddhi – अष्ट सिद्धि

Ashta Siddhi

अष्ट सिद्धि (Ashta Siddhi), या आठ आध्यात्मिक शक्तियाँ, वास्तव में भगवान हनुमान के साथ गहरी जुड़ाव रखती हैं और हिन्दू दर्शन और योग दर्शन के अंतर्गत गहरे आध्यात्मिक उपलब्धियों को प्रतिनिधित करती हैं। ये सिद्धियाँ अनुशासित आध्यात्मिक प्रयास और तपस्या के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं। इन्हें पतंजलि के योग सूत्र में भी … Read more

संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र

Pushpanjali Mantra

संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। यह न केवल ईश्वर के प्रति आदर और सम्मान की भावना का प्रतीक है, बल्कि एक अनुरोध भी है कि ईश्वर हमारी पूजा, अनुष्ठान, या शुभ कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करें। फूलों की टोकरी (पुष्पांजलि) अर्पित करना एक पवित्र क्रिया है, जिसमें भक्त अपनी … Read more

Ambe Tu Hai Jagdambe Kali – अम्बे तू है जगदम्बे काली

Ambe Tu Hai Jagdambe Kali

अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥तेरे भक्त जनो … Read more

Aarti Kunj Bihari ki – आरती कुंज बिहारी की

Aarti Kunj Bihari ki

“आरती कुंज बिहारी की” एक भक्तिपूर्ण स्तुति (आरती) है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में गाई जाती है, जिन्हें प्यार से कुंज बिहारी कहा जाता है। “कुंज” का अर्थ है वृंदावन के हरे-भरे वन जहां कृष्ण ने अपनी युवावस्था खेलते हुए और कई लीलाएँ करते हुए बिताई माना जाता है, और “बिहारी” का मतलब होता … Read more

पंचक

पंचक का अर्थ है ‘पांच’। पंचक का चयन चंद्रमा की स्थिति को देखकर किया जाता है। जब चंद्रमा कुंभ (Aquarius) और मीन (Pisces) राशि से होकर गुजरता है, तब इसे पंचक कहा जाता है। इस समय के दौरान, चंद्रमा पांच नक्षत्रों से होकर गुजरता है – धनिष्ठा का दूसरा आधा, शतभिषा, पूर्वभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद और रेवती। … Read more

सिद्ध कुंजिका स्त्रोतम

Siddha Kunjika Stotram

॥सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम्॥ शिव उवाचशृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥२॥कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्॥३॥गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्॥४॥ ॥अथ मन्त्रः॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल … Read more

संकल्प मंत्र

Sankalp Mantra

संकल्प मंत्र एक हिन्दू धार्मिक क्रिया है जो किसी भी पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के शुरू में की जाती है। इसका उद्देश्य स्वयं को दिव्य शक्तियों के समक्ष समर्पित करना और उनसे अपने कार्य के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। संकल्प मंत्र के माध्यम से व्यक्ति अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना करता … Read more

दुर्गा सप्तशती

Durga Saptshati

दुर्गा सप्तशती, जिसे देवी माहात्म्यम के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह मार्कण्डेय पुराण का एक भाग है और इसमें 700 श्लोक होते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ मुख्य रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है, जो देवी दुर्गा की उपासना का एक विशेष समय होता … Read more