“व्यापार में बरकत” का अर्थ होता है व्यापार या कारोबार में समृद्धि और वृद्धि होना। इस शब्द का प्रयोग आमतौर पर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जब किसी व्यापार में लाभ बढ़ रहा हो, नए ग्राहक जुड़ रहे हों, और आर्थिक रूप से व्यापार फल-फूल रहा हो। बरकत का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आशीर्वाद’ या ‘वृद्धि’, और इसका उपयोग अक्सर सकारात्मक और प्रगतिशील बदलावों के संदर्भ में किया जाता है।
Dukan ki barkat ke liye
वास्तु शास्त्र के अनुसार दुकान के अंदरूनी हिस्से और व्यवस्था के लिए कुछ विशेष सुझाव निम्नलिखित हैं जो व्यापार में सफलता और समृद्धि लाने में मदद कर सकते हैं:
- कैश काउंटर की स्थिति: कैश काउंटर हमेशा दुकान के दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए और मुख उत्तर की ओर होना चाहिए। इससे वित्तीय लाभ में वृद्धि होती है।
- भारी सामान की व्यवस्था: दुकान के दक्षिण या पश्चिम दिशा में भारी सामान रखें क्योंकि यह दिशाएँ स्थिरता प्रदान करती हैं। इससे दुकान में स्थिरता और संतुलन बना रहता है।
- प्रवेश द्वार का महत्व: दुकान का प्रवेश द्वार स्पष्ट और अवरोध-रहित होना चाहिए। प्रवेश द्वार के सामने कोई बाधा न हो ताकि ऊर्जा आसानी से दुकान में प्रवेश कर सके।
- उत्तर-पूर्व कोना: दुकान के उत्तर-पूर्व कोने को साफ और खाली रखें। यह दिशा ज्ञान और ऊर्जा की मानी जाती है। इस क्षेत्र में जल का तत्व जोड़ने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- आकर्षक प्रदर्शन: दुकान के उत्तर और पूर्व की दिशा में आकर्षक वस्तुएँ प्रदर्शित करें। इससे ग्राहकों की आंखों को खींचने में मदद मिलती है और व्यापार में लाभ होता है।
- साफ-सफाई और व्यवस्था: दुकान को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें। अव्यवस्था और गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और इससे व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
व्यापार वृद्धि के उपाय (Business Growth Measures)
व्यापार में बरकत या सफलता पाने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। ये उपाय न केवल व्यावसायिक रणनीतियों पर आधारित होते हैं बल्कि कुछ सामान्य सिद्धांत भी शामिल करते हैं जो व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों जीवन में सफलता की दिशा में मदद कर सकते हैं यहाँ कुछ विशेष उपाय दिए गए है जिनको अपना कर हम व्यापर में सफलता पा सकते है|
व्यापार वृद्धि पूजा (Business Growth Worship)
- मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा: व्यापार में सफलता और धन की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। इन देवताओं की पूजा से व्यापार में वित्तीय स्थिरता और समृद्धि मिलती है। इस पूजा को विशेष रूप से धनतेरस और दीपावली जैसे शुभ दिनों पर करना बहुत शुभ माना जाता है।
- व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना: यह यंत्र धनदाता और सर्वसिद्धिदाता माना जाता है। इसे दुकान या ऑफिस के पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करना चाहिए और नियमित रूप से इसकी पूजा करनी चाहिए। इससे व्यापार में वृद्धि होती है और दरिद्रता दूर होती है।
- लक्ष्मी पाठ: धनतेरस के दिन दुकान, ऑफिस और घर पर लक्ष्मी जी का पाठ करना चाहिए। इससे धन की देवी की कृपा बनी रहती है।
- देहली की सफाई: दुकान या ऑफिस की देहली को साफ सुथरा रखना चाहिए। इसे गाय के गोबर से पवित्र करें।
- गाय को भोजन खिलाना: भोजन की पहली रोटी जो बने उसे गाय को खिलाएं। इससे लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं।
- अष्टलक्ष्मी पूजन: शुक्रवार के दिन 5 कौड़ी, केसर और चांदी या तांबे का सिक्का लेकर अष्टलक्ष्मी का पूजन करें। इससे तिजोरी में धन की वृद्धि होती है।
- पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाना: शुक्रवार के दिन पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाकर पूजा करें। इससे धन की कमी नहीं होती।
व्यापार में रुकावट से बचने के उपाय
व्यापर में आने वाली रूकावटो से बचने केलिए लाल किताब के उपाय बहुत ही विशिष्ट और प्राचीन विधियों पर आधारित हैं जो व्यापार में वृद्धि और समृद्धि लाने के लिए सुझाव देते हैं। ये उपाय न केवल वित्तीय सफलता में मदद करते हैं बल्कि व्यापार स्थल पर सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं। आपके लिए लाल किताब के कुछ विशेष उपायों निम्नलिखित है:
- राहु ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए: एक जटायुक्त नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर दुकान के ऐसे कोने में रखें जहां किसी की नज़र न पड़े। 43 दिनों के बाद, इसे निर्जन स्थान पर जाकर पानी में बहा दें।
- शनि की साढ़ेसाती या ढैया के प्रभाव के लिए: अपने पलंग के चारों कोनों पर लोहे की कील लगाएं और हर रात अपने सिरहाने लोहे के पात्र में पानी भरकर रखें। प्रातः काल में इस पानी को पीपल के वृक्ष में डाल दें।
- व्यापार में विरोधियों के प्रभाव को कम करने के लिए: शनिवार के दिन काले उड़द के 21 दाने काले वस्त्र में बांधकर दुकान की चौखट पर लटकाएं और तीन शनिवार तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- साझेदारी में परेशानियों के लिए: अपने व्यापार स्थल पर 43 दिनों तक अपने इष्टदेवता का मानसिक स्मरण करते हुए श्वेत पुष्प और श्वेत रंग की मिठाई अर्पित करें।
- व्यापार में तेजी लाने के लिए: शनिवार के दिन एक सफल दुकान से लोहे का नट या कील प्राप्त करें, इसे दूध से साफ करके सरसों के तेल में लपेटें और इसे 21 उड़द के दानों के साथ एक कांच की शीशी में रखें।
- लक्ष्मी मंत्र जप: नित्य इस मंत्र की एक माला (ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः) का 108 बार जप करें।
- काली हल्दी, लाल गुजा, और दक्षिणावर्ती यंत्र को गल्ले या तिजोरी में स्थापित करें।
- वास्तुशास्त्र का पालन करें: दुकान या ऑफिस का निर्माण करवाते समय वास्तुशास्त्र के नियमों का ध्यान रखें।
- प्रवेश द्वार: दुकान का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा में न रखें क्योंकि यह धन के नुकसान का कारण बन सकता है।
- सूर्य ढलने के बाद झाड़ू न लगाएं: यह माना जाता है कि इससे लक्ष्मी माता नाराज होती हैं।
इन उपायों को अपनाकर व्यापार में वृद्धि और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही ये उपाय व्यापार स्थल पर नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने में सहायक होते हैं।
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