भविष्य मालिका: अच्युतानंद की भविष्यवाणियाँ | Puran, Granth – Bhavishya Malika predictions

नमस्कार दोस्तों, आज हम अपने ब्लॉग में एक ऐसी पुस्तक की चर्चा करने वाले हैं, जो कोई आम पुस्तक नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य को बताने वाली पुस्तक है। भारत देश को लेकर बहुत से भविष्यवक्ता, महापुरुष और विद्वान पहले से ही भविष्यवाणियां करते आ रहे हैं, लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं अच्युतानंद दास द्वारा लिखित पुस्तक भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) की, जो कि लगभग आज से 600 वर्ष पूर्व लिखी गई थी। भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) में लिखी गई भविष्यवाणियां कलयुग के अंत होने की कथा का वर्णन करती हैं। जिसके अनुसार, कलयुग में भयंकर  भूकंप सहित विभिन्न आपदाएं घटित होंगी। इस पुस्तक के लेखक ने इन भविष्यवाणियों का वर्णन इसलिए पहले ही कर दिया है ताकि कलयुग के जितने भी बचे हुए मानव हैं, वे सतर्क रह सकें और युग के अंत को और अधिक खींच सकें। लेकिन अंत में, जो भविष्यवाणियां की गई हैं, वही होगा। इस पुस्तक को बहुत ही गुप्त रखा गया है और विशेष अनुष्ठानों या अनुमति के अवसर पर ही इसे खोला जाता है।

ओडिशा के महान संत श्री अच्युतानंद दास जी महाराज , जो सोलहवीं शताब्दी के एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व थे। श्री अच्युतानंद दास ‘पंचसखा’ समूह के सदस्य थे, जिसमें अनंत दास, जसोबंता दास, जगन्नाथ दास, और बलराम दास शामिल थे। यह समूह ओडिशा में भक्ति आंदोलन और वैष्णव संप्रदाय के प्रसार में महत्वपूर्ण था।

श्री अच्युतानंद दास ने अपनी भविष्यवाणियों और आध्यात्मिक शिक्षाओं को ताड़ के पत्तों पर लिखा था, जो उनके गहन ज्ञान और अंतर्दृष्टि को प्रकट करता है। उनके द्वारा लिखित ‘भविष्य मलिका’ उनकी भविष्यवाणियों को संग्रहित करती है, जिनमें से कई के सच होने का दावा किया जाता है। ये भविष्यवाणियाँ विभिन्न विषयों पर हैं, जैसे कि समाज, धर्म, राजनीति, और प्राकृतिक घटनाएं आदि ।

श्री अच्युतानंद दास की रचनाएं और भविष्यवाणियाँ ओडिया साहित्य और आध्यात्मिकता में एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती हैं। उनकी शिक्षाएं और भविष्यवाणियाँ आज भी ओडिशा और भारत के अन्य हिस्सों में बहुत सम्मानित और प्रासंगिक हैं। उनके अनुयायी और शोधकर्ता उनके कार्यों का अध्ययन करते हैं और उनकी भविष्यवाणियों की व्याख्या करते हैं।

भविष्य मालिका

भारत में इस पुस्तक के अनुयायियों और पाठकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मानने वाले इस पुस्तक को 100% सही मानते हैं, और कुछ लोग तो यहां तक मानते हैं कि यह स्वयं श्री जगन्नाथ की इच्छा से ‘पंचसखा’ द्वारा लिखी गई है। भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) के अनुसार, कलियुग के अंत में अस्थिरता, भ्रष्टाचार और सामाजिक अन्याय अपने चरम पर होगा। लोग भगवान की पूजा अर्चना से वंचित रहेंगे, और जो लोग पूजा अर्चना कर रहे भी होंगे, उनकी लगातार भद्रा  की जाएगी। कोई भी धार्मिक कार्य नहीं होगा, अधर्म का बोलबाला रहेगा। लोग अपनी संस्कृति और सभ्यता को छोड़ देंगे। आदमी और औरत व्यवहार में लिप्त रहेंगे। धन कमाने का बस एक ही स्रोत होगा, वह है भ्रष्टाचार और अपराध। गुरुजनों का कोई सम्मान नहीं होगा, बड़े-छोटों में कोई आदर या प्रेम भाव नहीं रहेगा।

‘भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) ‘ के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत और संपूर्ण दुनिया के बारे में क्या कहा गया है, वर्ष 2024 में, ‘भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) ‘ के अनुसार, धरती अपनी धुरी  बदलती रहेगी, जिसके कारण आने वाले समय में विभिन्न देशों में भारी भरकम भूकंप आते रहेंगे। खेती पर काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा। आसमान में दो सूर्य दिखाई देने की भी भविष्यवाणियों की गई है। समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ता रहेगा। तटवर्ती रहने वाले व्यक्ति और शहर समुद्र में डूब जाएंगे। महायुद्ध होने की संभावना हमेशा बनी रहेगी। प्राकृतिक आपदाएं आएंगी, जिसमें 7 दिन तक लगातार अंधेरा रहेगा।

वर्ष 2024 से 2027 तक भविष्यवाणी के अनुसार, किसान अपनी खेती छोड़ देंगे और जंगली जानवर शहर पर आक्रमण करके वहाँ रहने वाले व्यक्तियों को मार देंगे। अत्यधिक वर्षा होने की भी संभावना है, तो कभी सूर्य अपनी तपिश की चरम सीमा दिखाएगा। चक्रवात अपनी पूरी विवेक दिखाएंगे, तो समुद्र अपने जलस्तर को बढ़ाकर जगन्नाथ पुरी के मंदिर को अपने अंदर समाहित कर लेगा। नई-नई लाइलाज बीमारियाँ आएंगी और महामारी से दुनिया भर में करोड़ों लोगों काल के  मुख में समा जाएंगे। आर्थिक  तंगी के कारण लगातार युद्ध होते रहेंगे।

भविष्यवाणी के अनुसार, इस पुस्तक के अनुसार चीन और कुछ इस्लामिक देश मिलकर भारत पर आक्रमण करेंगे और इस गहन युद्ध के दौरान सभी देशों को क्षति पहुंचेगी, परंतु अंत में विजय भारत की ही होगी। भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  मानव जाति के लिए आने वाले भविष्य की चेतावनी का वर्णन करती है।

इस पुस्तक के अनुसार कलियुग की उम्र 432,000 वर्ष से घटकर केवल 5000 वर्ष ही रह गई है। इस पुस्तक के अनुसार कल्कि का जन्म हो चुका है। भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  में लिखा है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर पर होने वाले परिवर्तन कलियुग के अंत का संकेत होंगे और इसके संकेत लगातार मिल भी रहे हैं। भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  के अनुसार, जब कभी जगन्नाथ मंदिर की पताखा हवा की दिशा में फहरने लगे, या उसमें आग लग जाए, या उस पताका पैर बाज का बैठना या मंदिर के परिसर में खून के धब्बे पाए जाना कलियुग के अंत का संकेत है, और बीते कुछ वर्षों में ये सभी संकेत दिखाई दे चुके हैं। इस पुस्तक की लगभग सभी भविष्यवाणियाँ सच साबित हुई हैं, और इस पुस्तक के अनुसार 2024 में कलियुग का अंत होगा और 2032 से सतयुग की शुरुआत होगी। इस पुस्तक में यहाँ तक वर्णन किया गया है कि कल्कि का अवतार उड़ीसा राज्य में जन्म ले चुका है।

भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  पुस्तक की सच्चाई के बारे में, दोस्तों, जैसा कि मैंने लिखा, हमारे हिंदू पौराणिक ग्रंथों की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है और यह एक पवित्र पुस्तक है। वर्तमान में घटित कुछ घटनाओं का फायदा उठाकर कुछ सामाजिक धूर्त प्रवृत्ति वाले लोग इस पुस्तक का हवाला देते हुए पुस्तक की गरिमा को गिराने का काम कर रहे हैं। चंद्र पैसों की खातिर हाल फिलहाल में घटित हुई घटना, जैसे करोना वायरस, चीन की चाल, यूक्रेन-रूस युद्ध का हवाला देते हुए, इन घटनाओं को भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  से जोड़कर एक फर्जी पुस्तक बनाकर प्रकाशित कर दी है और इसे इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से खूब प्रचार-प्रसार करके लोगों को डराकर खूब पैसा बना रहे हैं।

विभिन्न इंटरनेट साइटों पर मिलने वाली इस पुस्तक का भारत अथवा विश्व की घटित किसी भी भविष्यवाणी से कोई भी लेना-देना नहीं है यह सिर्फ एक प्रकार का षड्यंत्र है जिससे अपनी पुस्तक का अधिक से अधिक प्रचार करके लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। हमारे हिंदू धर्म की पौराणिक भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  से इस पुस्तक का कोई लेना-देना नहीं है।

अतः, सभी पाठकों से अनुरोध है कि भविष्य मालिका (Bhavishya Malika)  जैसी पुस्तकों, जिनमें लोग अपने विचारों को प्रस्तुत कर रहे हैं और अपना व्यवसाय चला रहे हैं, के विचारों पर स्वीकार करने या न करने से पहले उनके विचारों पर विचार करें। अपने स्वयं के मस्तिष्क का प्रयोग करके उनकी भविष्यवाणियों की सत्यता की जांच करें और इस पर निष्कर्ष निकालें कि वे सही हैं या गलत। इस तरह से, आप सही जानकारी और ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और भ्रमित या गलत सूचना से बच सकेंगे।

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