संकटमोचन हनुमानाष्टक: अर्थ सहित और लिरिक्स के साथ |

हनुमानाष्टक की ब्याख्या अर्थ सहित हनुमानाष्टक, जिसे संकटमोचन हनुमानाष्टक भी कहा जाता है, भक्ति काल के महान संत तुलसीदास द्वारा रचित है। यह हनुमान जी की वीरता, दया, शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा की स्तुति करता है। इसमें हनुमान जी के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं का वर्णन है, जैसे कि … Read more

Mudakaratta Modakam: Ganesha Pancharatnam Lyrics in Sanskrit & Hindi

श्रीगणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam) “श्री गणेश पंचरत्नम्” एक संस्कृत में रचित स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया माना जाता है। इसमें पांच श्लोक होते हैं, जिन्हें ‘पंचरत्न’ कहा जाता है क्योंकि प्रत्येक श्लोक भगवान गणेश की महिमा को विशेष रूप से उजागर करता है। “मुदाकरात्तमोदकं” इस स्तोत्र का … Read more

Gajendra Moksh Katha: Path, Stotra, Mantra, Aur Arth | गजेंद्र मोक्ष की कथा और उसका पाठ

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – Gajendra Moksh katha श्री शुक उवाच –एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि ।जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ गजेन्द्र उवाच –ऊं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम ।पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥२॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयं ।योस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम ॥३॥ यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितंक्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम ।अविद्धदृक साक्ष्युभयं तदीक्षतेस आत्म मूलोsवत् मां परात्परः ॥४॥ … Read more

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram) श्लोक 1: श्री शुक उवाच – एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ अर्थ: शुकदेव जी कहते हैं कि गजेंद्र ने अपने मन को हृदय में स्थिर करके, जिसे वह पूर्वजन्म में सीखा था, वह परम जाप्य (मंत्र) का जप किया। … Read more

शिव स्तुति: मंत्र, श्लोक, और अर्थ सहित | Shiv Stuti Mantra, Shlok, Aur Arth Sahit

श्लोक 1 का अर्थ: नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् । निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ “मैं नमन करता हूँ उस ईश्वर को, जो निर्वाण का रूप हैं, विभु हैं, सर्वव्यापी हैं, और ब्रह्म के वेद स्वरूप हैं। जो स्वयं में निर्गुण, निर्विकल्प, और निरीह हैं, और जो चेतना के आकाश में आकाश की … Read more

रुद्राभिषेक पूजा: विधि, मंत्र, सामग्री, और फायदे | Rudrabhishek Puja Vidhi, Mantra, Samagri, Benefits

Rudrabhishek

रुद्राभिषेक क्या है ? (What is Rudrabhishek?) रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) हिन्दू धर्म में एक धार्मिक अनुष्ठान है जो भगवान शिव के प्रति समर्पित होता है। “रुद्र” भगवान शिव का एक नाम है और “अभिषेक” का अर्थ है पवित्र जल, दूध, दही, घी, शहद और अन्य पवित्र द्रव्यों से पूजा के दौरान स्नान कराना। इस अनुष्ठान का … Read more

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram- Aigiri Nandini)

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् हिन्दू धर्म में एक प्रमुख स्तोत्र है, जो देवी दुर्गा की महिमा का गान करता है। इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र देवी दुर्गा के महिषासुर, एक महान असुर के वध की कथा को समर्पित है। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् अपनी शक्तिशाली और भावपूर्ण भाषा के लिए प्रसिद्ध है, … Read more

श्री राम रक्षा स्तोत्र

।। अथ श्री राम रक्षा स्तोत्रम।। । श्री गणेशाय नमः। अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः ।श्री सीतारामचंद्रो देवता ।अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः ।श्रीमान हनुमान कीलकम ।श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः । अथ ध्यानम्‌: ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपदमासनस्थं,पीतं वासो वसानं नवकमल दल स्पर्धिनेत्रम् प्रसन्नम ।वामांकारूढ़ सीता मुखकमलमिलल्लोचनम्नी,रदाभम् नानालंकारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलम् रामचंद्रम ॥ राम रक्षा स्तोत्रम्: चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् ।एकैकमक्षरं … Read more

“सात चिरंजीवी: हिंदू पौराणिक कथाओं में अमरत्व का रहस्य जो करेंगे कल्कि अवतार की मदद| 7 Immortals in Hindu Mythology Explained”

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च बिभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविनः॥ चिरंजीवी, हिंदू धर्म की मान्यताओं में वे महान पुरुष हैं जिन्हें अमरता प्राप्त है और जो कल्याणकारी कार्यों के लिए युगों-युगों तक जीवित रहते हैं। ये सात चिरंजीवी हैं: अश्वत्थामा, बलि, व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, और परशुराम। इनकी कथाएँ विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में वर्णित हैं और इनका … Read more

श्री बजरंग बाण: पाठ, लिरिक्स, और चमत्कार | Bajrang Baan Path, Lyrics, PDF, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

बजरंग बाण (Bajrang Baan) ” दोहा “ “निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।”तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥” “चौपाई” जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर … Read more