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सूर्य देव के मंत्र और उनके लाभ | Surya Dev Mantra and Benefits
सूर्य देव, हिन्दू धर्म में सूर्य या सूरज के देवता हैं, जिन्हें संस्कृत में ‘आदित्य’ के नाम से भी जाना जाता है। वे सृष्टि के नवग्रहों (नौ ग्रहों) में से एक हैं और ज्योतिष शास्त्र में उनका बहुत महत्व है। सूर्य देव को जीवन, प्रकाश, ऊर्जा और समृद्धि का स्रोत माना जाता है। महत्व और … Read more
शनि की साढ़े साती: लक्षण, उपाय, और लाभ | Shani Ki Sade Sati: Symptoms, Remedies, and Benefits
शनि की साढ़े साती शनि की साढ़े साती, हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका संबंध शनि ग्रह की गति से है। जब शनि ग्रह किसी जातक की जन्म राशि से 12वें, 1वें और 2वें स्थान पर गोचर करता है, तो इसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है। यह अवधि लगभग साढ़े सात … Read more
आदित्य हृदय स्तोत्र
आदित्य हृदय स्तोत्र- Aditya Hriday Strot आदित्य हृदय स्तोत्र एक शक्तिशाली और पवित्र हिन्दू स्तोत्र है जो भगवान सूर्य को समर्पित है। यह वाल्मीकि रामायण के युद्धकांड में वर्णित है, जहां ऋषि अगस्त्य ने श्री राम को लंका के राजा रावण के विरुद्ध युद्ध में विजयी होने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करने की … Read more
रामायण के प्रमुख राक्षस
रावण (Ravan) रावण, रामायण का एक केंद्रीय और जटिल चरित्र है, जिसे अक्सर नकारात्मक भूमिका में देखा जाता है, लेकिन उसकी व्यक्तित्व की गहराई और बहुआयामीता उसे एक अत्यंत रोचक और अध्ययन के योग्य चरित्र बनाती है। रावण न केवल एक शक्तिशाली राक्षस राजा था जिसने लंका (वर्तमान में श्रीलंका माना जाता है) पर शासन … Read more
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी समाचार, ASI सर्वेक्षण, इतिहास
महादेव साथियों, अयोध्या में राम मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा हो चुका है। काशी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिन्दू समुदाय के पक्ष में फैसले आने लगे हैं। वाराणसी की एक अदालत ने 1996 की रिपोर्ट को आधार बनाकर व्यास के तहखाने में पूजा करने की अनुमति प्रदान की है। वाराणसी जिला न्यायालय ने यह … Read more
देवीअन्नपूर्णा के 5 शक्तिशाली मंत्र (5 powerful Annapurna Mantra)
देवी अन्नपूर्णा हिन्दू धर्म में भोजन और पोषण की देवी मानी जाती हैं। उनका नाम “अन्न” (भोजन) और “पूर्णा” (पूर्ण या पूर्णता) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “भोजन की पूर्णता प्रदान करने वाली”। वे भौतिक निवाले के साथ-साथ आध्यात्मिक भोजन की प्रदाता भी मानी जाती हैं। देवी अन्नपूर्णा भगवान शिव की पत्नी पार्वती … Read more
संकटमोचन हनुमानाष्टक: अर्थ सहित और लिरिक्स के साथ |
हनुमानाष्टक की ब्याख्या अर्थ सहित हनुमानाष्टक, जिसे संकटमोचन हनुमानाष्टक भी कहा जाता है, भक्ति काल के महान संत तुलसीदास द्वारा रचित है। यह हनुमान जी की वीरता, दया, शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी असीम कृपा की स्तुति करता है। इसमें हनुमान जी के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं का वर्णन है, जैसे कि … Read more
Mudakaratta Modakam: Ganesha Pancharatnam Lyrics in Sanskrit & Hindi
श्रीगणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam) “श्री गणेश पंचरत्नम्” एक संस्कृत में रचित स्तोत्र है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया माना जाता है। इसमें पांच श्लोक होते हैं, जिन्हें ‘पंचरत्न’ कहा जाता है क्योंकि प्रत्येक श्लोक भगवान गणेश की महिमा को विशेष रूप से उजागर करता है। “मुदाकरात्तमोदकं” इस स्तोत्र का … Read more
Gajendra Moksh Katha: Path, Stotra, Mantra, Aur Arth | गजेंद्र मोक्ष की कथा और उसका पाठ
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – Gajendra Moksh katha श्री शुक उवाच –एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि ।जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ गजेन्द्र उवाच –ऊं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम ।पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥२॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयं ।योस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम ॥३॥ यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितंक्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम ।अविद्धदृक साक्ष्युभयं तदीक्षतेस आत्म मूलोsवत् मां परात्परः ॥४॥ … Read more