बाल मुकुंदष्टकम: Bāla Mukundāṣṭakam

Bala Mukundastakam

“बाल मुकुन्दष्टकम्” एक अत्यंत प्रसिद्ध और भावनात्मक स्तोत्र है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की मनोहर लीला का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र भगवान के बाल स्वरूप माखन चुराने, मुस्कराने, सोने, खेलते हुए रूप का सुंदर काव्यात्मक चित्रण करता है। इसे सुनने या पढ़ने मात्र से भक्त के हृदय में बालकृष्ण के प्रति … Read more

सरस्वती वंदना मंत्र -Saraswati Vandna Mantra

सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी । विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥ प्राचीन भारतीय परंपराओं में माँ सरस्वती को ज्ञान, वाणी, और संगीत की देवी माना गया है। विद्या, विवेक, और कला का वरदान देने वाली माँ सरस्वती की उपासना से मन में शुद्धता और बुद्धि में तीव्रता आती है। यह विशेष मंत्र, “सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे … Read more

तन्त्रोक्तं देवी सूक्तम्: देवी की महिमा और साधना का अद्भुत मार्गतन्त्रोक्तं देवी सूक्तम्

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम्, जिसे तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त भी कहा जाता है, देवी दुर्गा की महिमा और उनकी शक्ति को समझने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह पाठ चण्डी पाठ के अनुष्ठान का अभिन्न अंग है और इसे कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है। इसके बाद देव्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम् … Read more

हनुमान प्रणाम: Hanuman Pranam

Hanuman Pranam

“मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शिरसा नमामि॥” “शान्तं शाश्वतम प्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं,ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं,वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्॥” यह श्लोक भगवान हनुमान की स्तुति में है, जिसमें उनके अद्भुत गुणों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। इस श्लोक का मूल अर्थ और व्याख्या इस प्रकार है: श्लोक का अनुवाद और … Read more

भोजन के नियम- Bhojan ke niyam

Bhojan ke niyam

भारतीय संस्कृति में आहार को केवल शरीर का पोषण करने वाला माध्यम नहीं माना गया, बल्कि इसे आत्मा और मन की शुद्धि का आधार भी माना गया है। शास्त्रों, आयुर्वेद, और धर्मग्रंथों में भोजन करने के गहन नियम दिए गए हैं। इन नियमों का पालन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक … Read more

Dhanvantari-मंत्र का अर्थ और व्याख्या

Dhanvantari

भगवान धन्वंतरि- Dhanvantari को आयुर्वेद का जनक और चिकित्सा शास्त्र के देवता माना जाता है। इस धन्वंतरि में उनके दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन किया गया है। भगवान धन्वंतरि चिकित्सा के प्रतीक हैं और जीवन को स्वास्थ्य और सुख देने वाले देवता माने जाते हैं। यह श्लोक उनके दिव्य स्वरूप और उनकी रोगहरण क्षमता … Read more

कामप्रजाळण नाच करे- Bhole charaniy aaradhna

Bhole charaniy aaradhna

कामप्रजाळण नाच करे : रचना :- दुला भाया काग (Bhole charaniy aaradhna) (छंद – दुर्मिला) परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,भभके गण भूत भयंकर भुतळ, नाथ अधंखर ते नखते,भणके तळ अंबर बाधाय भंखर , गाजत जंगर पांह गते ;डमरुय डडंकर बाह जटंकर , शंकर ते कईलास सरे,परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे, (1) हडडं खडडं … Read more

गायत्री मंत्र Gayatri Mantra: जाप की विधि और महत्व

Gayatri Mantra

गायत्री मंत्र Gayatri Mantra को वैदिक मंत्रों का राजा माना जाता है। यह मंत्र इतना शक्तिशाली और प्रभावी है कि इसके नियमित जाप से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा और हर समस्या का समाधान प्राप्त हो सकता है। गायत्री मंत्र Gayatri Mantra के महत्व और इसके विधिपूर्वक जाप की जानकारी हम इस ब्लॉग में … Read more

Ashtalakshmi Stotram

Ashtalakshmi Stotram

अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी और सिद्ध उपाय है। यह स्तोत्र विशेष रूप से शुक्रवार के दिन पढ़ने के लिए उपयुक्त माना जाता है। माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करता है, तो उसे जीवन में सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति … Read more

पीनियल ग्रंथि Pineal Gland: आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य का केंद्र

Pineal gland

पीनियल ग्रंथि Pineal gland, जिसे तीसरी आंख भी कहा जाता है, एक छोटा लेकिन शक्तिशाली अंतःस्रावी अंग है। यह चावल के दाने के आकार का, पाइन कोन (देवदार के फल) के समान, मस्तिष्क के ठीक मध्य में स्थित है। पीनियल ग्रंथि Pineal gland हमारी दैनिक और मौसमी जैविक घड़ियों (सरकाडियन रिदम) को नियंत्रित करती है। … Read more